नेहरू वर्ल्ड स्कूल में ‘क्रियो-2025’ का शुभारंभ, देश-विदेश के 168 स्कूलों के 3365 छात्र ले रहे भाग

ghaziabad news शास्त्री नगर स्थित नेहरू वर्ल्ड स्कूल प्रांगण में वीरवार को विद्यालय के एग्जीक्यूटिव हेड टीचर सुसन होम्स, निदेशक सोनल आनंद सिंह और निर्णायक मंडल के सम्मानित सदस्यों ने संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव क्रियो-2025 का रंगारंग शुभारंभ किया।
एग्जीक्यूटिव हेड सुसन होम्स ने कहा कि यह उत्सव केवल प्रतिस्पर्धा का नहीं बल्कि सीखने और रचनात्मकता को निखारने का अवसर है। नन्हें कलाकारों की ऊर्जा और उनकी कल्पनाशीलता हम सबको प्रेरित कर रही है। इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों में सृजनात्मकता, आत्मविश्वास और साधन सम्पन्नता का विकास होता है। क्रियो-2025 को इस बार हाइब्रिड स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है। इसमें प्रतियोगिताएँ आॅनलाइन, आॅफलाइन और रिकॉर्डेड वीडियो के माध्यम से हो रही हैं। रिकॉर्डेड वीडियो प्रतियोगिताओं की प्रविष्टियां 7 अगस्त तक मंगाई गईं। 25 अगस्त से 27 अगस्त तक आॅनलाइन और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएँ आयोजित हुईं, जबकि 28 अगस्त से 30 अगस्त तक विद्यालय के प्रांगण में आॅफलाइन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। इस उत्सव में 56 प्रकार की प्रतियोगिताएं होंगी, जिनमें देश-विदेश के 168 स्कूलों के 3365 छात्र भाग ले रहे हैं। इनमें कला एवं शिल्प, फोटोग्राफी, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी, वक्तृता, संगीत-नृत्य, रचनात्मक लेखन, गणित और इतिहास से जुड़ी प्रतियोगिताओं को शामिल किया गया है। कुछ प्रतियोगिताएं प्रतिस्पर्धात्मक हैं, कुछ प्रतिस्पर्धात्मक और कुछ मिश्रित स्वरूप में होंगी। आॅफलाइन प्रतियोगिताओं के पहले दिन छह रोचक प्रतियोगिताएँ हुईं। इसमें लंदन, यूएई, कतर, मालदीव, नेपाल, नॉर्वे सहित भारत के विभिन्न राज्यों झ्र दिल्ली, गुरुग्राम, बुलंदशहर, नोएडा, अमृतसर, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, झारखंड, हरियाणा, मध्यप्रदेश, हैदराबाद और वाराणसी से आए छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। मेजबान स्कूल होने के नाते नेहरू वर्ल्ड स्कूल ने यह घोषणा की कि उसके छात्र प्रतियोगिताओं में हिस्सा तो लेंगे और उन्हें प्रतिस्पर्धा के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, लेकिन उन्हें मिलने वाले पुरस्कार और स्थान अगले स्थान पर आने वाले स्कूल को सौंप दिए जाएंगे। इस पहल ने आयोजन की गरिमा और खेल भावना को और ऊंचाई दी।
शिक्षा का उद्देश्य केवल पाठ्यक्रम नहीं: केपी सिंह
स्कूल के निदेशक केपी सिंह ने कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक आयोजनों से किशोरों को अपनी आंतरिक प्रतिभा को अभिव्यक्त करने का एक उपयुक्त मंच मिलता है, जो उनके समग्र विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।

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