जिस तरह से 20 दिसंबर के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसा माहौल बनाया गया कि कोरोना चीन से आ चुका है। सरकारी दफतरों में मास्क पहन कर अफसर और कर्मी बैठे दिखने लेगे। माहोल बनाया कि कोरोना अब वह कभी भी अटैक कर सकता है। लोगों को डराने की हर संभव कोशिश की गई, लेकिन इस बार जनता पर कोरोना कर डर दिखाई नहीं दिया। सवाल उठ रहे हैं कि अब नया साल आते आते ही कोरोना वायरस गया? क्या कोरोना वायरस पार्टी करने चला गया? हालांकि अब सरकार की ओर से उतना पैनिक नहीं किया जा रहा है जितना कि आज से 1 हफ्ते पहले हो रहा था। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा रोकने के लिए सरकार की ओर से उन्हें पत्र लिखा गया और कोविड-19 संक्रमण फैलने की दुहाई दी गई। राहुल गांधी ने पत्र पर कोई टिप्पणी नहीं की और कहा कि शायद कुछ लोग भारत जोड़ो यात्रा से बौखला गए हैं इसीलिए वे यात्रा को रोकने के लिए हर हथकंडे अपना रहे हैं। मगर मैं यात्रा नहीं रोकूंगा दिल्ली पहुंचते ही चर्चाएं होने लगी कि राहुल पहले दिल्ली पहुंचेंगे या फिर कोरोना। बरहाल कुछ भी हो अब नया साल का सेलिब्रेशन अलग-अलग स्थानों पर धूमधाम से किया जा रहा है।
क्या भारत जोड़ो यात्रा रोकने के लिए थी साजिश
जिस तरह से अब कोरोना वायरस लगभग गायब हो गया है। उससे प्रतीत हो रहा है कि एक सोची समझी साजिश के तहत ही कोरोना को भारत में प्रवेश दिलवाया। एयरपोर्ट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन आदि पर लोग मास्क लगाए नजर आने लगे। इन बातों को हफ्ता भी नहीं बीता है कि नए साल के जश्न में देखा होगा कि पब बार और रेस्टोरेंट्स में लोग बिना मास्क के घूमते नजर आए। भीड़भाड़ वाले बाजारों में भी बिना मास्क के ही घूम रहे हैं। कुछ इंटरनेश्नल आवाजाही पर टेस्ट करने की पाबंदिया भी लगाई गई, अब इनका कितना पालन हो रहा है कुछ कहा नही जा सकता है।