Money Laundering case में ईडी की चार्जशीट पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

Money Laundering case

Money Laundering case नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लांड्रिंग केस में ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। स्पेशल जज राकेश स्याल ने संज्ञान लेने के मामले पर 19 जनवरी को फैसला सुनाने का आदेश दिया।

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ईडी ने 09 जनवरी को चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में चार लोगों और एक फर्म को आरोपित बनाया है। करीब पांच हजार पेजों की चार्जशीट में ईडी ने जिन लोगों को आरोपित बनाया है उनमें जावेद इमाम सिद्दिकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दिकी और जीशान हैदर हैं। ईडी ने पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी आरोपित बनाया है।

ईडी के मुताबिक ये मामला 13.40 करोड़ रुपये की जमीन बिक्री से जुड़ा है। आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीन खरीदी और बेची गई। आरोपित कौसर इमाम सिद्दिकी की डायरी में 8 करोड़ रुपये की एंट्री की गई है। जावेद इमाम को ये संपत्ति सेल डीड के जरिए मिली। जावेद इमाम ने ये संपत्ति 13.40 करोड़ रुपये में बेची। जीशान हैदर ने इसके लिए जावेद को नकद राशि दी। कोर्ट जीशान हैदर को छोड़ कर इस मामले के तीन आरोपितों की जमानत याचिका पर 11 जनवरी को सुनवाई करेगा।

इस मामले में सीबीआई ने अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। सीबीआई ने इस मामले में 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज की थी। जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गईं।

सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपितों के साथ साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था। इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया।

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