मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने खारिज की अंकुश व वैभव जैन की डिफॉल्ट जमानत याचिका
1 min read

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने खारिज की अंकुश व वैभव जैन की डिफॉल्ट जमानत याचिका

नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सह-आरोपित अंकुश जैन और वैभव जैन की डिफॉल्ट जमानत याचिका खारिज कर दी है। स्पेशल जज एमके नागपाल ने बुधवार को यह आदेश दिया। सुनवाई के दौरान ईडी ने अंकुश जैन और वैभव जैन की डिफॉल्ट जमानत याचिका का विरोध किया था। अंकुश जैन और वैभव जैन ने जांच लंबित रहने का हवाला देकर डिफॉल्ट जमानत की मांग की थी। इससे इस मामले में 27 जुलाई 2022 को ईडी ने सत्येंद्र जैन समेत छह लोगों और चार कंपनियों को आरोपित बनाया था।

यह भी पढ़े : सभी राज्य सीमा सुरक्षा बल के प्रति रहें संवेदनशील : धनखड़

ईडी ने चार्जशीट में जिन्हें आरोपित बनाया उनमें सत्येंद्र जैन, सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन, सत्येंद्र जैन के करीबी वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन के अलावा अकिंचन डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल नाम कंपनियों के नाम शामिल हैं। इस मामले में सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन न्यायिक हिरासत में हैं।
इस मामले में सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया था। जबकि वैभव जैन और अंकुश जैन को 1 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। ईडी के मुताबिक इस मामले में कैश दिल्ली में दिया गया। यह कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आॅपरेटर्स तक पहुंची। यह एंट्री आॅपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे। यह सभी फर्जी कंपनियां थीं। इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था। पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया। प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई।

यहां से शेयर करें