यह ऑपरेशन मलनाडू रेस्टोरेंट केस (सीआर नं. 02/2025) और महिंद्रा यूनिवर्सिटी केस (सीआर नं. 08/2025) की जांच से निकला, जिसमें नाइजीरिया स्थित प्रमुख ऑपरेटर ‘निक’ के दो नाइजीरियन फोन नंबर्स से ड्रग ऑर्डर प्लेस किए जा रहे थे। जांच में पता चला कि यह कार्टेल पूरे भारत में 2,000 से अधिक कंज्यूमर्स और पेडलर्स को सप्लाई कर रहा था। सैकड़ों म्यूल बैंक अकाउंट्स से पैसे इकट्ठा कर नाइजीरियन हैंडलर्स को ट्रांसफर किए जाते थे। कुल 59 म्यूल अकाउंट्स की पहचान हुई, जिनमें से टॉप 27 में ही 7.9 करोड़ रुपये की 2,000 से अधिक संदिग्ध ट्रांजेक्शन दर्ज हैं।
छिपाने के अनोखे तरीके और लॉजिस्टिक्स
कार्टेल ड्रग्स को जूतों, शर्ट्स, कॉस्मेटिक्स, स्लिपर्स और अन्य सामानों में छिपाकर लादो सराय, मेहरौली, मुनीरका, निलोठी जैसी दिल्ली की कॉलोनियों से कूरियर के जरिए भेजता था। श्री मरुति कूरियर्स, डीटीडीसी, प्रोफेशनल कूरियर्स, शिपरॉकेट, इंडिया पोस्ट, डेल्हीवरी, ब्लू डार्ट और ट्रैकऑन कूरियर जैसी कंपनियों का खुला इस्तेमाल होता था। पुलिस ने हजारों पार्सल रिकॉर्ड्स, प्रूफ ऑफ डिलीवरी शीट्स और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर नेटवर्क को मैप किया। एक छापे में फ्रिज के अंदर कोकीन और मेथामफेटामाइन बरामद हुआ। नाइजीरियन हैंडलर्स ने ऑनलाइन खरीदारी से छिपाने के सामान जुटाए थे।
प्रमुख गिरफ्तारियां और जब्ती
• नाइजीरियन नागरिक: 50 से अधिक, जिनमें 12 महिलाएं और 18 पुरुष शामिल। विशाखापट्टनम में तीन महिलाओं को पकड़ा गया, जो दिल्ली से फ्लाइट लेकर भागी थीं और लोकल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को सप्लाई कर रही थीं।
• भारतीय सहयोगी: टिटिंग गुइते (3.72 करोड़ म्यूल अकाउंट्स में), युवराज सोलंकी (1.98 करोड़), बदरुद्दीन (15 लाख, छह अकाउंट्स), सामा उमर, जफर, फ्रैंक (60 एमडी पिल्स के साथ), बेकी (संत गढ़, तिलक नगर से 5,209 एमडीएमए पिल्स, 35.46 ग्राम कोकीन और 78,000 रुपये नकद)।
• जब्ती: 5,340 इकोस्टेसी पिल्स, 250 ग्राम कोकीन, 109 ग्राम हेरोइन, 250 ग्राम मेथामफेटामाइन (कुल मूल्य 3.5 करोड़ से 12 करोड़ तक), नकद राशि, 107 बैंक अकाउंट्स फ्रीज, 16 प्रमुख हब्स की पहचान।
124 ईगल फोर्स पर्सनल दिल्ली पहुंचे और दो हफ्तों की सर्विलांस के बाद सुबह-सुबह छापे मारे। तकनीकी यूनिट्स ने डिवाइसेस, मूवमेंट्स और फाइनेंशियल नोड्स ट्रैक किए। दिल्ली पुलिस ने विदेशी नागरिकों और जब्त माल को कस्टडी ले लिया है, जबकि डिपोर्टेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है।
वित्तीय नेटवर्क और हवलाला सिस्टम
जांच में हवलाला चैनल्स का पर्दाफाश हुआ, जहां पैसे की कोई वैध बिजनेस लिंक नहीं थी। भारतीय फैसिलिटेटर्स ने म्यूल अकाउंट्स, रेंटल एकोमोडेशन और प्रॉक्सी सिम कार्ड्स मुहैया कराए। कई नाइजीरियन स्टूडेंट वीजा पर आए लेकिन पढ़ाई न कर ड्रग सेल्स और सेक्स वर्क में लिप्त थे। अधिकारियों ने कहा कि डिपोर्टेशन के बाद भी नए पासपोर्ट्स पर वापसी रोकने के लिए वीजा एक्सटेंशन, बैंकिंग एक्टिविटीज और कूरियर रेगुलेशन पर सख्ती जरूरी है।
पृष्ठभूमि और प्रभाव
ईगल फोर्स जून 2025 में तेलंगाना सरकार द्वारा ड्रग्स पर अंकुश लगाने के लिए लॉन्च की गई। पहले ऑपरेशंस में महिंद्रा यूनिवर्सिटी में 50 स्टूडेंट्स पर जांच चली। जुलाई 2025 में दिल्ली पुलिस ने 100 करोड़ के ड्रग्स जब्त कर ऐप-स्टाइल डिलीवरी नेटवर्क तोड़ा। अक्टूबर में लंदन-ट्रेंड नाइजीरियन महिला को पकड़ा गया। यह कार्टेल दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, बेंगलुरु, गोवा और केरल तक फैला था। अधिकारियों ने इसे “entrenched and evolving” नेटवर्क बताया, जिसका ब्रेकिंग पॉइंट बना।
पुलिस लीडरशिप ने इसे देशव्यापी सप्लाई चेन पर बड़ा झटका बताया। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने पुलिस की तारीफ की, लेकिन चेतावनी दी कि ऐसे नेटवर्क्स की जड़ें गहरी हैं। यह कार्रवाई न केवल ड्रग्स पर रोक लगाएगी, बल्कि मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग पर भी असर डालेगी। जांच जारी है।

