पुलिस विभाग हमेशा भ्रष्टाचार को लेकर चर्चाओं में रहता है। बताया जाता है कि आरोपी को पीड़ित और पीड़ित को आरोपी बनाकर पुलिस पेश कर सकती है बशर्तें उनकी जेब गर्म हो। पुलिस विभाग में लेनदने से परेशान एक दरोगा ने जान दे दी। ददोगा ने सीतापुर के थाना मछरेहटा में सरकारी पिस्टल से खुद को गोली मार ली। इस सुसाइड के बाद यूपी पुलिस में खलबली मच गई है। बता दें कि दरोगा मनोज कुमार (55) का जीवन संघर्षों के बीच बीता। भूमिहीन रामऔतार के बेटे मनोज ने सिपाही से दरोगा तक पदोन्नित का सफर तय किया था। नौकरी के दौरान लखनऊ में घर, सात बहनों की शादी की थी।
दरोगा मूलरूप से कल्याणपुर थाना क्षेत्र के गांव जलाला निवासी रामऔतार गौड़ के बड़े बेटे थे। रामऔतार मछली शिकार, मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। उनकी 8 पुत्री व दो पुत्रों में मनोज बड़ा बेटा था। पिता की मजदूरी की कमाई से गोपालगंज सर्वोदय इंटर काॅलेज से हाईस्कूल परीक्षा मनोज ने पास की थी। कक्षा 11 के दाखिले के समय ही वह सिपाही पद पर भर्ती हो गया। परिवार को काफी राहत मिली थी। मनोज के सहयोग से पिता सात बेटियों की शादी कर चुका था।
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दरोगा का बेटा अजय करता है मजदूरी
दरोगा के एक बेटी विनीता और बेटा अजय अविवाहित हैं। अजय दूसरे राज्य में मजदूरी करता है। नौकरी मिलने के बाद उसकी तैनाती लखनऊ में हुई थी। उसकी शादी भी लखनऊ में हुई थी। वह लखनऊ के बिजनौर इलाके में मकान बनाकर रहने लगा। पिता अपनी बेटी के साथ गांव जलाला में ही रहते हैं।
पिता कांप उठा और हाथ से छूट गया फोन
बताया कि करीब छह माह पहले मनोज कुमार आए थे। पिता कभी-कभी बिजनौर जाते थे। सुबह करीब 10 बजे उसके मोबाइल पर फोन आया। फोन सीतापुर थाने से था। उसने पिता को फोन पर बात कराई। वह भाई की खुदकुशी की जानकारी सुनकर कांप उठे और फोन उनके हाथ से छूट गया।
छुट्टी न मिलने का रहता था मलाल
पिता ने बताया कि बेटे को पुलिस में छुट्टी न मिलने का मलाल रहता था। वह खुद को गोली नहीं मार सकता है। घटना से परिवार बेसहारा हो गया है। पिता व बहन गांव से सीतापुर रवाना हो गए। मनोज की मां का 10 साल पहले देहांत हो चुका है। वह अपने पीछे पिता, बहन के साथ पत्नी गीता देवी, दो पुत्र आकाश, शिवेंद्र व पुत्री आंचल को छोड़ गया है। पूरे गांव के लोग खबर से गमगीन दिखे।
सुसाइड नोट हो रहा वायरल
एक सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें थानेदार व उनकी करीबियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की बात है। विभागीय काम में भी नीचे से ऊंचे स्तर तक रिश्वत मांगे जाने का आरोप लगाया है।