उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले लालू यादव और बी. सुदर्शन रेड्डी की मुलाकात पर हो रहा विवाद, बीजेपी ने साधा निशाना

Patna/Vice President Election News: उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक दिन पहले, विपक्षी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात ने सियासी हलचल मचा दी है। इस मुलाकात की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रेड्डी पर तीखा हमला बोला है, इसे “पाखंड” और “सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर सवाल” करार दिया।

लालू प्रसाद यादव ने 4 सितंबर को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर रेड्डी के साथ मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “उप राष्ट्रपति पद के संयुक्त उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी ने पटना आवास पर मुलाकात कर कुशलक्षेम जाना।” इस मुलाकात को लेकर बीजेपी ने रेड्डी की मंशा और नैतिकता पर सवाल उठाए, क्योंकि लालू यादव चारा घोटाले में दोषी ठहराए गए हैं और न तो वे संसद सदस्य हैं और न ही उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदाता हैं।

बीजेपी का हमला: “पाखंड उजागर”
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर रेड्डी की आलोचना करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने चारा घोटाले के दोषी लालू प्रसाद से मुलाकात की। यह न केवल खराब छवि पेश करता है, बल्कि एक उच्च संवैधानिक पद की आकांक्षा रखने वाले व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर सवाल उठाता है।” मालवीय ने रिटायर्ड जजों और संवैधानिक नैतिकता के “स्वयंभू रक्षकों” की चुप्पी को भी निशाना बनाया, इसे “पाखंड” करार दिया।
बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेड्डी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “रेड्डी खुद को लोकतंत्र और देश की आत्मा का रक्षक बताते हैं, लेकिन चारा घोटाले और रेलवे संपत्ति घोटाले जैसे गंभीर आरोपों में दोषी लालू से मिलना उनकी नैतिकता पर सवाल उठाता है।” प्रसाद ने रेड्डी के 2011 के सलवा जुडूम फैसले को भी “माओवादी समर्थक” बताते हुए आलोचना की।

विपक्ष का जवाब: “सामान्य राजनीतिक प्रक्रिया”
विपक्षी इंडिया गठबंधन ने इस मुलाकात को सामान्य राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा बताया। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “बी. सुदर्शन रेड्डी किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं। उन्हें हमारे सभी सांसदों का समर्थन मिलेगा। वे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।” तेजस्वी ने उपराष्ट्रपति चुनाव की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए, खासकर पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे को लेकर।

वरिष्ठ अधिवक्ताओं की चिंता
20 वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने संयुक्त बयान जारी कर रेड्डी की इस मुलाकात पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “एक पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज का चारा घोटाले जैसे गंभीर मामले में दोषी व्यक्ति से मिलना उनकी मंशा और निर्णय पर सवाल उठाता है। यह मुलाकात किसी वैध राजनीतिक उद्देश्य को पूरा नहीं करती।”

चुनावी समीकरण और बिहार की सियासत
9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में रेड्डी का मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से है। इस मुलाकात को बिहार की आगामी विधानसभा चुनावों से भी जोड़ा जा रहा है, जहां विपक्ष एकजुटता का संदेश देना चाहता है। हालांकि, बीजेपी इसे विपक्ष की “सत्तालोलुपता” और “नैतिक पतन” का प्रतीक बता रही है।
यह विवाद उपराष्ट्रपति चुनाव के साथ-साथ बिहार की राजनीति में भी नई बहस छेड़ सकता है।

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