करौली बाबा का लग्जरी जीवनशैली पर उठा विवाद, “पहले पैदल चलते थे, अब 3 रेंज रोवर हैं” – क्या संतों को गाड़ी चलाने का हक नहीं?

Kanpur Karauli Government News: उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित करौली सरकार, जिनका असली नाम संतोष सिंह भदौरिया है, एक बार फिर अपनी लग्जरी जीवनशैली को लेकर चर्चा में हैं। कभी पुरानी स्कूटर पर चलने वाले इस संत ने अब तीन रेंज रोवर कारों का मालिक बनकर लोगों को हैरान कर दिया है। करौली बाबा ने अपने बचाव में कहा है, “पहले हम पैदल चलते थे, अब हमारे पास 3 रेंज रोवर हैं। साधु-संत को गाड़ी में चलने का अधिकार नहीं है क्या?” यह बयान उनके जीवन के उस सफर को दर्शा दिया है की, जो गरीबी से अमीरी तक पहुंचा, लेकिन विवादों से घिरा रहा।

पृष्ठभूमि और उदय
संतोष सिंह भदौरिया का जन्म उन्नाव जिले के पवई गांव में हुआ था। उनकी पहली शादी कानपुर के रेल बाजार की रेनू सिंह से हुई, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने उसे ‘बदकिस्मत’ बताकर छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने मामता तिवारी से दूसरी शादी की, जिनके परिवार की संपत्ति ने उन्हें प्रॉपर्टी बिजनेस में कदम रखने में मदद की। शुरू में टेम्पो चलाने वाले संतोष ने भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) में शामिल होकर राष्ट्रीय किसान नेता बनने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की लाठीचार्ज और असफलताओं के बाद उन्होंने यह रास्ता छोड़ दिया।

2017-2018 में उन्होंने ‘पुरवज मुक्ति केंद्र’ खोलकर ‘करौली सरकार’ के रूप में प्रसिद्धि पाई। सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिए वे लोगों की समस्याओं का ‘ओम शिव बैलेंस’ मंत्र से समाधान करने का दावा करते आ रहे हैं। मात्र तीन सालों में उन्होंने 14 एकड़ का साम्राज्य खड़ा कर लिया, जहां देशभर से लोग इलाज और आशीर्वाद के लिए आते हैं। वे ‘यूट्यूबर बाबा’ के नाम से भी जाने जाते हैं।

लग्जरी संपत्ति और कारें
करौली बाबा की संपत्ति में अब तीन रेंज रोवर कारें शामिल हैं, जो उनकी पुरानी स्कूटर और टेम्पो वाली जिंदगी से बिल्कुल विपरीत हैं। उनका लवकुश आश्रम बिधनू के करौली गांव में स्थित है, जहां सशस्त्र गार्ड उनकी सुरक्षा करते हैं। विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त से उन्होंने सैकड़ों बीघा जमीन हासिल की है। उनकी संपत्ति का मूल्य करोड़ों में आंका जाता है, जो भक्तों के दान और आयुर्वेदिक क्लीनिक से आता है।

विवाद और आरोप
करौली बाबा कई विवादों में घिरे रहे हैं। फरवरी 2023 में नोएडा के डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी और उनके परिवार ने आश्रम में आशीर्वाद मांगा, लेकिन बाबा के ‘चमत्कार’ नाकाम रहने पर उन्हें पीट दिया गया। डॉक्टर की नाक टूट गई और सिर में चोट आई। इस घटना के बाद पुलिस ने पहली बार आश्रम का दौरा किया। बाबा पर तंत्र-मंत्र से लोगों को ठगने और हिंसा के आरोप लगे हैं। हाल के वर्षों में उनके दरबार में बदलाव भी देखे गए हैं, जैसे विशेष आरती और पूजा के लाइव प्रसारण।

जनता की प्रतिक्रियाएं
बाबा की लग्जरी जीवनशैली पर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ भक्त उन्हें चमत्कारी मानते हैं, जबकि आलोचक सवाल उठाते हैं कि साधु का जीवन सादगी का होना चाहिए, न कि लग्जरी कारों का। एक यूजर ने लिखा, “संतों को मोह-माया से दूर रहना चाहिए।” हालांकि, बाबा का बचाव करते हुए कहा जाता है कि आधुनिक समय में संतों को भी सुविधाओं का हक है।

यह मुद्दा धार्मिक नेताओं की जीवनशैली पर बहस छेड़ता है। क्या संतों की अमीरी भक्तों की श्रद्धा है या ठगी का माध्यम? जांच जारी है, लेकिन करौली बाबा का साम्राज्य बढ़ता जा रहा है।

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