CM Yogi/ Major Dhyanchand News: राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि अर्पित की। लखनऊ में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में सीएम योगी ने प्रतीकात्मक रूप से हॉकी स्टिक घुमाकर मेजर ध्यानचंद को याद किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “जब मेजर ध्यानचंद जी की बात आती है तो हर भारतीय के मन में हॉकी स्टिक की छवि उभर आती है।” उन्होंने मेजर ध्यानचंद की उपलब्धियों को देश के लिए प्रेरणा बताया और उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने के महत्व पर जोर दिया।
मेजर ध्यानचंद, जिनका जन्म 29 अगस्त 1905 को झांसी में हुआ था, भारतीय हॉकी के स्वर्णिम युग के प्रतीक हैं। उन्होंने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी हॉकी स्टिक की जादूगरी ऐसी थी कि कहा जाता है कि एक बार उनकी स्टिक की जांच तक की गई थी कि कहीं उसमें चुंबक तो नहीं! मेजर ध्यानचंद ने अपने करियर में 400 से अधिक गोल किए, जो आज भी एक विश्व रिकॉर्ड है। उनकी जयंती को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसमें देश भर में खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन दिया जाता है।
कार्यक्रम में सीएम योगी ने मेजर ध्यानचंद को याद करते हुए कहा, “मेजर ध्यानचंद ने न केवल हॉकी में भारत का परचम लहराया, बल्कि खेल के माध्यम से देश को एकजुट करने का काम किया। उनकी सादगी और समर्पण आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है।” उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिसमें खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि और बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। सीएम ने इस मौके पर उन खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
राष्ट्रीय खेल दिवस पर अन्य नेताओं ने भी मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उन्हें नमन। उनकी हॉकी की कला और देशभक्ति हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी।” वहीं, विपक्षी नेता और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “मेजर ध्यानचंद ने विश्व पटल पर भारत का गौरव बढ़ाया। उनकी विरासत को संजोने के लिए हमें और प्रयास करने होंगे।”
मेजर ध्यानचंद और भारत रत्न विवाद
मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग लंबे समय से उठती रही है, लेकिन इस पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। कई खेल प्रेमी और विशेषज्ञों का मानना है कि मेजर ध्यानचंद जैसे महान खिलाड़ी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलना चाहिए। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ी हुई है। कुछ यूजर्स ने लिखा, “मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देना समय की मांग है। उनकी उपलब्धियां किसी भी सम्मान से कम नहीं हैं।” वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि सरकार को इस दिशा में जल्द कदम उठाना चाहिए।
हालांकि, कुछ आलोचकों का तर्क है कि भारत रत्न जैसे सम्मान का चयन एक जटिल प्रक्रिया है और इसमें कई अन्य दिग्गजों के नाम भी शामिल होते हैं। इस विवाद पर खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “मेजर ध्यानचंद का योगदान अतुलनीय है, और उनकी विरासत को सम्मान देने के लिए सरकार कई स्तरों पर काम कर रही है।”
राष्ट्रीय खेल दिवस पर सोशल मीडिया पर मेजर ध्यानचंद को याद करने का सिलसिला जारी रहा। एक यूजर ने लिखा, “मेजर ध्यानचंद ने हॉकी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। आज हमें उनके सपनों को साकार करने के लिए हॉकी को और बढ़ावा देना चाहिए।” एक अन्य यूजर ने भारत रत्न की मांग को दोहराते हुए कहा, “अगर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न नहीं मिलेगा, तो यह खेल जगत के साथ अन्याय होगा।”
सीएम योगी ने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश में खेलों के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि मेजर ध्यानचंद के नाम पर कई खेल अकादमियों और स्टेडियमों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए स्कॉलरशिप और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
मेजर ध्यानचंद की जयंती पर सीएम योगी और अन्य नेताओं ने उनकी विरासत को याद करते हुए खेलों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। हालांकि, भारत रत्न को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मांग पर क्या कदम उठाती है। मेजर ध्यानचंद की हॉकी स्टिक की जादूगरी आज भी हर भारतीय के दिल में जीवंत है, और उनकी कहानी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

