हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की है कि भिवानी जिले के कलिंगा गांव में ठाकुर नसीब सिंह के नाम पर डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी। इसमें विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं हेतू पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री आज भिवानी जिले के गांव कलिंगा में जनसंवाद कार्यक्रम में ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे।
एक नागरिक ने राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की चारदीवारी व नए भवन बनाने की शिकायत करते हुए बताया कि स्कूल के भवन का 6 बार एस्टीमेट बनाया जा चुका है, लेकिन अभी तक भवन नहीं बनाया गया। इस पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश दिए और स्कूल का भवन बनाने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गांव में बूस्टिंग स्टेशन के निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल की शिकायत पर भी मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्त को सख्त निर्देश दिए कि इसकी जांच करवाई जाए। सामान की गुणवत्ता को तुरंत चैक करें और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
महिला द्वारा गांव में नशे की समस्या से निदान के निवेदन पर श्री मनोहर लाल ने भूतपूर्व सैनिकों का आह्वान किया कि वे इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए अपने स्तर पर एक टास्क फोर्स बनाएं और इस कार्य को मिशन के रूप में लें। गांवों वालों को जागरूक करें और युवाओं को नशे की चपेट से बचाएं।
उन्होंने कहा कि नशे की समस्या एक सामाजिक बुराई है। सरकार नशे के खात्मे के लिए सख्त कदम उठा रही है। जो युवा नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं, उनके सुधार के लिए रिहैबिलिटेशन सेंटर भी बनाने होंगे। उन्होंने कहा कि खाप पंचायतों, एनजीओ और सभी लोगों को भी सरकार के साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान भी समाज के सहयोग से सफल हुआ। पहले हरियाणा में 1000 लड़कों पर 871 लड़कियों का लिंगानुपात था। आज 1000 लड़कों पर 923 लड़कियां हैं।
जिन परिवारों का पीपीपी नहीं बना है, उनके पीपीपी कार्ड बनवाएं सरपंच
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमरूपाना, राजू पाना और स्वाई पाना के सरपंच अतिरिक्त उपायुक्तों के साथ बैठक करें और जिन परिवारों का परिवार पहचान पत्र नहीं बना है, उनके पीपीपी कार्ड बनवाएं। उन्होंने कहा कि अब पंचायतों को ग्रांट भी आबादी के अनुसार दी जाएगी।
कलिंगा गांव को दिए जाएंगे 2.70 करोड़ रुपये
श्री मनोहर लाल ने कहा कि इस गांव के विभिन्न कार्यों की सूची सरकार के पास आई है, जिसकी लागत 1.80 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि 70 लाख रुपये पंचायत के पास पहले से उपलब्ध हैं। इसके अलावा, 90 लाख रुपये से अधिक की राशि और मंजूर कर दी है। इस वित्त वर्ष के लिए तीनों पंचायतों को 2.70 करोड़ रुपये आबादी के अनुसार दिए जाएंगे।
संवाद कार्यक्रम के दौरान गांव के किसान ने फसल खराबा के मुआवजा देने का निवेदन किया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने विशेष गिरदावरी के आदेश दिए हुए हैं, मई माह तक किसानों को मुआवजा वितरित कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा अवश्य करवाएं किसान
श्री मनोहर लाल ने किसानों का आह्वान किया कि वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा अवश्य करवाएं। इससे किसानों को अधिक फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी पटवारी के माध्यम से गिरदावरी से संबंधित हस्ताक्षर प्रणाली को समाप्त कर पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाएगा।
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गांव में सफाई के लिए छोटे ट्रैक्टर ट्राली दिए जाएंगे – मनोहर लाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करना पंचायतों का काम है। राज्य सरकार ने एक योजना बनाई है, जिसके तहत गांवों को छोटे ट्रैक्टर ट्राली दिए जाएंगे ताकि वे गालियों में जाकर कचरा एकत्र कर सके। ग्रामीणों द्वारा गांव में खेल सुविधाओं की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि गांवों मे खेल सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाएगा।
लगभग 15 बुजुर्गों की पेंशन ऑनलाइन बनी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमरूपाना, राजू पाना और स्वाई पाना में लगभग 15 बुजुर्गों की पेंशन ऑनलाइन अपने आप बनी है। सरकार ने गरीब परिवारों के आर्थिक उत्थान के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत अंतोदय मेले भी लगाएं हैं। इसके तहत, इस गांव में भी 28 परिवारों का ऋण सेंक्शन किया गया था, जिसमें से 21 को ऋण मिल गया है।
इसके अलावा इस गांव में लगभग 6000 आयुष्मान कार्ड बनाए जाने हैं। इसमें से 3385 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इस गांव में भी 89 लोगों ने बीमारी के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ उठा लिया है, जिसके लिए लगभग 13.91 लाख रुपये की राशि अस्पतालों को दी गई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मैरिट पर नौकरियां देने का काम किया। कलिंगा गांव में भी 51 युवाओं को नौकरियां मिली हैं। पहले युवा पढ़ाई में रूचि ही नहीं लेते थे, अब प्रदेश में ऐसा माहौल बना है कि बिना पढ़ाई के नौकरी नहीं मिलेगी। अब नौजवान पढ़ाई में रूचि लेने लगे हैं।
पहले की सरकार में 25 लाख रुपये में मिलती थी नौकरी, अब बिना पैसे के नौकरी मिलती है
मुख्यमंत्री ने कहा कि खरक कलां गांव में जनसंवाद कार्यक्रम में ग्रामीण ने एक किस्सा सुनाया कि पहले की सरकार में पैसे से नौकरी मिलती थी, लेकिन इस सरकार में बिना पैसे नौकरी मिली है। पहले एक नौकरी के लिए 25 लाख रुपये देने पड़ते थे, लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बिना पैसे और सिफारिश से नौकरियां मिल रही हैं।