Crime increasing in Bihar News: बिहार में पिछले छह महीनों से हत्या, डकैती और लूट जैसी गंभीर आपराधिक घटनाओं में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है, जिसने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले बढ रहा अपराध कहीं सीएम नीतिश कुमार की जमीन को न खिसका दें। राजधानी पटना सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों से आ रही खबरें सुशासन बाबू के नाम से जाने जाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व पर प्रश्नचिह्न भी लगा रही हैं। विपक्ष लगातार हमलावर है और आम जनता में असुरक्षा का माहौल बढ़ता जा रहा है। अस्पताल में घुसकर सरेआम हत्या का मामला प्रदेश की जनता के बीच नीतिश को चुनने पर सवाल खड़े कर रहा है। हालांकि नीतिश कुमार ने बिजली फ्री का दांव चला है।
पिछले छह महीनों में हुई प्रमुख घटनाएँ
- जुलाई 2025 में पटना में लगातार हत्याएं:
- गोपाल खेमका हत्याकांड (4 जुलाई): पटना के मगध अस्पताल के मालिक और बड़े व्यवसायी गोपाल खेमका की गांधी मैदान थाना क्षेत्र में पनाशा होटल के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना पूरे राज्य में चर्चा का विषय बनी हुई है।
- अंजनी सिंह हत्याकांड (22 जून): पटना के जमीन कारोबारी अंजनी सिंह की पुनपुन के सोहगी-कुंदन पैक पर बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
- वकील जितेंद्र महतो की हत्या (13 जुलाई): पटना के सुल्तानगंज इलाके में एक वकील को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई।
- पारस अस्पताल में गोलीबारी (17 जुलाई): पटना के पारस अस्पताल में दिनदहाड़े एक विचाराधीन कैदी चंदन मिश्रा को आईसीयू में घुसकर गोली मार दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।
- विक्रम झा हत्याकांड (11 जुलाई): पटना के राम कृष्णा नगर इलाके में एक और व्यवसायी विक्रम झा की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
- अन्य हत्याएं: जुलाई माह में ही पटना में 50 से अधिक हत्याएं होने का दावा किया जा रहा है, जिनमें शिक्षक, इंजीनियर, डॉक्टर, वकील और ठेकेदार भी शामिल हैं।
- अन्य जिलों में भी बढ़ी वारदातें:
- मुजफ्फरपुर में भीषण डकैती और हत्या: मुजफ्फरपुर जिले के सिंघवारी गांव में डकैतों ने एक घर में घुसकर 15 लाख की संपत्ति लूट ली और विरोध करने पर एक महिला की चाकू से गोदकर हत्या कर दी।
- बक्सर (24 मई): बालू व्यवसाय से जुड़े विवाद में एक ही परिवार के तीन भाइयों की हत्या।
- सहरसा: जेडीयू नेता विनोद भगत और उनके साले को गोली मारी गई, जिसमें नेता की मौके पर मौत हो गई।
- नालंदा: मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में भी 60 वर्षीय एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
- महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध: नाबालिग बच्चियों के साथ गैंगरेप जैसी जघन्य वारदातें भी लगातार सामने आ रही हैं, जिससे समाज में भय का माहौल है।
कानून-व्यवस्था पर उठते सवाल और विपक्ष का हमला
इन लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD), लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर है और ‘जंगलराज’ की वापसी का आरोप लगा रहा है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री की “अचेतन” स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि “रोजाना हो रही सैकड़ों हत्याओं का जिम्मेदार कौन है?”
राजद के साथ-साथ, एनडीए के घटक दल, जैसे लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान भी कानून-व्यवस्था पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं। उन्होंने ट्वीट कर बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
सरकार और पुलिस के दावे बनाम जमीनी हकीकत
एक ओर जहां डीजीपी विनय कुमार अपराध को कम करने और “अपराध मुक्त बिहार” बनाने की प्रतिबद्धता जता रहे हैं, वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। पुलिस का दावा है कि हत्याओं की संख्या में पिछले 25 वर्षों में कमी आई है, लेकिन मई, जून और जुलाई जैसे महीनों में अपराध की संख्या में वृद्धि देखने को मिलती है। एडीजीपी कुंदन कृष्णन ने तो हाल ही में आपराधिक गतिविधियों में वृद्धि का कारण मानसून से पहले के मौसमी पैटर्न और आगामी विधानसभा चुनावों को बताया है, जिस पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पुलिस का यह भी दावा है कि अधिकांश हत्याएं व्यक्तिगत विवादों, जमीन विवादों और प्रेम प्रसंगों के कारण होती हैं, और संगठित अपराध पर नियंत्रण है। हालांकि, व्यावसायिकों और राजनीतिक नेताओं की लगातार हो रही हत्याएं इन दावों पर संदेह पैदा करती हैं।

