मनोहर लाल ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के जनसेवा के 9 वर्ष पूरे हुए हैं। इन 9 सालों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत पुनः समृद्धशाली, शक्तिशाली, वैभवशाली सम्पन्न और सशक्त होने की दिशा में नित नए आयाम स्थापित कर रहा है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हरियाणा सरकार पिछले साढ़े 8 सालों से केंद्र की योजनाओं को ज्यों का त्यों राज्य में लागू कर रही है और नई-नई योजनाएं बनाकर हर वर्ग का कल्याण सुनिश्चित कर रही है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने वर्ष 2017 में अपना महत्वाकांक्षी विजन डॉक्यूमेंट-2030 लॉन्च किया। नीति आयोग ने हरियाणा की पहचान सबसे अधिक सुधार करने वाले राज्य के रूप में की है। हमने सतत विकास लक्ष्य में अपना स्कोर 57 से बढ़ाकर 67 किया है। हम लैंगिक समानता, कुपोषण व एनीमिया को दूर करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आर्थिक विकास और जलवायु सुधार पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।
परिवार पहचान पत्र के माध्यम से लोगों को घर बैठे दिया जा रहा योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ घर द्वार पर ही देने के लिए राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र कार्यक्रम चलाया है। इस एक ही दस्तावेज के माध्यम से सरकार की अनेक योजनाओं और सेवाओं का लाभ घर द्वार पर ही मिलने लगा है और लोगों को कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। इससे जनसाधारण के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। दूसरे राज्य भी परिवार पहचान पत्र का अनुसरण कर रहे हैं। जम्मू – कश्मीर और उत्तराखंड ने इस पर काम शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी के माध्यम से 44 हजार से अधिक बुजुर्गों को घर बैठे वृद्धावस्था सम्मान भत्ता का लाभ देने में सफल हुए हैं। इसके आलावा, 81 हजार दिव्यांगजनों को भी घर बैठे पेंशन प्रदान की गई है। आयुष्मान चिरायु योजना के तहत लगभग 75 लाख चिरायु कार्ड बनाए जा चुके हैं। निरोगी हरियाणा योजना में पिछले 5 माह में 7 लाख से अधिक गरीबों के स्वास्थ्य की जांच तथा 47 लाख लैब टेस्ट किये गये हैं। पात्र 32 लाख से अधिक बी.पी.एल. परिवारों के घर बैठे ऑनलाइन ऑटोमेटिक ढंग से राशन कार्ड बनाए गए हैं।
प्रधानमंत्री के जल संरक्षण के सपने को साकार करने के लिए हरियाणा कर रहा भरसक प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि भारत का विकास और आत्मनिर्भरता जल सुरक्षा और जल कनेक्टिविटी पर निर्भर है। हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री के जल संरक्षण के सपने को साकार करने के लिए कई कदम उठाए हैं। वर्ष 2025 तक 50 प्रतिशत उपचारित जल का उपयोग करने के उद्देश्य से हरियाणा उपचारित अपशिष्ट जल नीति बनाई गई है। जल संरक्षण और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की गई है और धान की सीधी बिजाई को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में राज्य की कुल पानी की मांग 34,962.76 मिलियन क्यूबिक मीटर आंकी गई है, जबकि सभी संसाधनों से कुल जल की उपलब्धता 20,935,98 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इसी लिए पानी की मांग और उपलब्धता के गैप को कम करने के लिए हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा एक एकीकृत जल योजना तैयार की गई है। इसके तहत सभी 22 जिला स्तरीय जल संसाधन योजना समितियों ने निचले स्तर पर ब्लॉक स्तरीय योजना तैयार की है। यह प्रयास भारत में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जहां जमीनी स्तर पर सतही और भूजल की ब्लॉक स्तरीय जल संसाधन उपलब्धता का आकलन किया गया है और पानी की मांग और आपूर्ति के अंतर को व्यवस्थित और वैज्ञानिक रूप से आंका गया है।
अगले दो वर्षों में पानी की बचत करके पानी की मांग व आपूर्ति के अंतर को लगभग 49 प्रतिशत तक कम करना लक्ष्य
मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने 26 व 27 अप्रैल, 2023 को अमृत जल क्रांति थीम पर दो दिवसीय वाटर कॉन्क्लेव आयोजित की थी। इसका मुख्य उद्देश्य सभी संबंधित विभागों द्वारा अगले दो वर्षों में जल अंतर को कम करने के लिए एक मासिक कार्य योजना पर विचार – विमर्श करना था। योजना के अनुसार अगले दो वर्षों में पानी की बचत करके पानी की मांग व आपूर्ति के अंतर को लगभग 49 प्रतिशत तक कम करना है। इसके अलावा, प्रदेश सरकार नहर नेटवर्क का आधुनिकीकरण कर रही है, ताकि पानी का रिसाव कम हो। मेवात फीडर नहर व गुरुग्राम जलापूर्ति चैनल को पाइपलाइन प्रणाली में बदलना प्रस्तावित है। साथ ही, सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि कम पानी से अधिकतम सिंचाई हो सके। इस दिशा में किसानों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के लिए पोर्टल बनाया गया है। इस पर लगभग 50 हजार किसानों ने पंजीकरण कराया है। इसी प्रकार सूक्ष्म सिंचाई के लिए ऑनफार्म वाटर टैंक पॉलिसी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गये अमृत सरोवर मिशन के तहत प्रदेश में 1312 तालाबों का काम पूरा हो चुका है और 981 तालाबों पर काम जारी है।
हर जिले में अलग मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल किए जा रहे स्थापित
मनोहर लाल ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हरियाणा गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करके बाल स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में बड़े पैमाने पर एनीमिया की जांच और उपचार के लिए त्रैमासिक एनीमिया उन्मूलन सप्ताहों का आयोजन किया जाता है। हम शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी लाने में सफल रहे हैं। इस सफलता का मुख्य कारण 97 प्रतिशत से अधिक गर्भवती महिलाओं की प्रसूति स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में होना है। हम गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए हर जिले में अलग मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल भी स्थापित कर रहे हैं।
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं में दिया 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हरियाणा की गिनती देश के सर्वाधिक प्रगतिशील राज्यों में होती है। राज्य के इस चहुंमुखी विकास में महिलाओं की बराबर की भूमिका रही है। राज्य सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया है। महिलाओं को अपना उद्यम स्थापित करने के लिए ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इनमें 7 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दी जाती है।
उन्होंने कहा कि छात्राओं के लिए शिक्षा ऋण योजना के तहत देश और विदेश में उच्च शिक्षा के ऋण पर 5 प्रतिशत साधारण ब्याज की सब्सिडी दी जाती है। मिशन शक्ति के तहत महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारिता के लिए व्यापक योजनाएं लागू की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के फलस्वरूप जन्म के समय लिंगानुपात की दर वर्ष 2014 के 871 से सुधरकर मार्च, 2023 में 927 हो गई है।
औद्योगिक विकास को गति देने के लिए वैश्विक मानकों के अनुरूप ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का इकोसिस्टम किया तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास को गति देने के लिए मिनिमम गवर्नमेंट एंड मैक्सिमम गवर्नेंस के सिद्धांतों के अनुरूप राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार किया है, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप है। सरकार ने कारोबार सुधार कार्य योजना -2022 के तहत 352 सुधारों को शत – प्रतिशत लागू किया है। प्रमाण पत्र लाइसेंस और अनुमति देने में अड़चन पैदा करने वाले 482 अनुपालनों को खत्म किया है। इन्वेस्ट हरियाणा पोर्टल के माध्यम से निवेशकों को 247 सेवाएं ऑनलाइन प्रदान की जा रही है तथा औसत सेवा प्रदायगी समय को घटाकर 12 दिन कर दिया गया है।
उद्योगों की जरूरत के अनुसार कुशल मैनपावर तैयार करने के लिए उद्योगों के साथ किए 62 एम.ओ.यू.
मनोहर लाल ने कहा कि उद्योगों की जरूरत के अनुसार कौशल युक्त जनशक्ति तैयार करने के लिए उद्योगों के साथ 62 एम.ओ.यू. किये हैं। राज्य में हरियाणा कौशल विकास मिशन के तहत मॉडल स्किल सेंटर और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है, जो अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देंगे। यह मिशन इनोवेशन हब की स्थापना भी करेगा, जो उद्योगों को गति प्रदान करने का कार्य करेगा। राज्य सरकार ने कौशल विकास के लिए जिला पलवल में देश का पहला श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्थापित किया है। इसमें 42 नियमित कोर्सिस तथा 35 अल्पावधि कोर्सिस चलाए जा रहे हैं।
जल जीवन मिशन के तहत हरियाणा में 30.41 लाख ग्रामीण परिवारों को दिए घरेलू नल कनेक्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी गांवों के हर घर में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाया है। जल जीवन मिशन के तहत हरियाणा में 30.41 लाख ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। वर्तमान में नाबार्ड के तहत 1283.11 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पेयजल आपूर्ति बढ़ाने की 16 योजनाएं प्रगति पर हैं। बड़े गांवों में सीवरेज सिस्टम बनाने के लिए सरकार ने महाग्राम योजना चलाई हुई है। वर्ष 2026 तक सभी बड़े गांवों में इसे लागू करने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वच्छ जल की बचत के उद्देश्य से गंदे पानी को साफ कर उसके पुनः उपयोग की भी नीति बनाई है। इसके तहत साफ किये गये पानी का उपयोग सिंचाई, थर्मल प्लांट्स व अन्य उद्योगों में किया जा रहा है।
हरियाणा देश का पहला राज्य, जिसके सभी गांव पक्की सड़कों से जुड़े हुए