नई दिल्ली । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर में गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया। पहले लोग इस स्कूल को टिन-वाले स्कूल के नाम से जानते थे। 37 साल बाद टिन वाले स्कूल से मुक्ति मिलने पर इलाके के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।
यह स्कूल 1985 से टीन शेड में चल रहा था, जहां करीब 1600 बच्चियां छठीं से 12वीं तक शिक्षा ले रही हैं। ढाई साल से कम समय में बनकर तैयार हुए इस शानदार स्कूल में लिफ्ट समेत सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ 104 रूम है। इसमें 41 रूम क्लास के लिए इस्तेमाल होंगे। जबकि 12 रूम लैब, दो लाइब्रेरी, एक मल्टी परपज हॉल समेत अन्य जरूरतों के लिए उपयोग किए जाएंगे।
इस अवसर पर केजरीवाल ने शिक्षा क्रांति को और मजबूती देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि स्कूल की नई और शानदार बिल्डिंग किसी भी प्राइवेट स्कूल को मात दे रही है। शिक्षा में हो रहे काम को हम रूकने नहीं देंगे। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आतिशी, शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। केजरीवाल ने कहा कि यह स्कूल 1985 में बना था। स्कूल को बने 37 साल से ज्यादा हो चुके हैं। इस बीच भाजपा और कांग्रेस दोनों की सरकारें बनीं, लेकिन किसी के राजनीतिक एजेंडे स्कूल अहमियत नहीं रखते थे। स्कूल ठीक करने, बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और गरीबों के बच्चों को आगे बढ़ने का मौका देने को लेकर राजनीति में बात ही नहीं होती थी। राजनीति मुद्दे स्कूल गायब था। न तो कांग्रेस कहती थी कि हम आएंगे तो बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे और न भाजपा कहती थी। लेकिन राजनीति में आने के बाद हमने यही कहा कि हमें वोट देंगे तो हम आपके बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे। हमारी पूरी राजनीति ही बच्चों की अच्छी शिक्षा देने पर आधारित है।
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आतिशी, शिक्षा मंत्री दिल्ली ने कहा, पहले एक गरीब का बच्चा जब सरकारी स्कूल में आता था तो उसके अंदर बहुत हीन भावना होती थी कि वह कैसे स्कूल में जा रहा हूं। राजनीति में आने से पहले हम कई एनजीओ के साथ मिलकर झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर काम करते थे। तब मैंने देखा कि एक ही घर के अंदर अगर एक बेटी और एक बेटा है, तो माता-पिता बेटी को सरकारी स्कूल में भेज देते थे और किसी तरह अपना पेट काटकर बेटे को किसी छोटे-मोटे प्राइवेट स्कूल में पढ़ने भेज देते थे। दिल्ली का एक और स्कूल टिन शेड से शानदार बिल्डिंग में तब्दील हो गया। आज जब इस स्कूल की कुछ पुरानी तस्वीरें देखी और उसी जगह यह नई विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस स्कूल को देख रही हूं तो पहले और अब के स्कूल में जमीन-आसमान का अंतर है। यह शानदार स्कूल पढ़ रही बच्चियों के सपनों को नई उड़ान देगा।
स्कूल की शानदार बिल्डिंग में है लिफ्ट समेत सभी आधुनिक सुविधाएं
पूरा स्कूल करीब 9,630 वर्ग मीटर एरिया में फैला है। इसमें से 2107.935 वर्ग मीटर में भूतल एरिया है। नई बिल्डिंग में 41 क्लास रूम हैं। इसके अलावा 12 लैब्स, 2 लाइब्रेरी, आॅफिस और स्टाफ रूम, विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए गतिविधि रूम, हर मंजिल पर शौचालय ब्लॉक और लिफ्ट भी लगी है। साथ ही, 250 लोगों के बैठने की क्षमता का एक बहुउद्देश्यीय आॅडिटोरियम भी है।
यह स्कूल लड़कियों का है। यह स्कूल 6 से 12 तक संचालित किया जाता है। फिलहाल स्कूल में करीब 1600 लड़किया पढ़ती है। इस स्कूल से सटे दो और स्कूल बिल्डिंग हैं। एक स्कूल बिल्डिंग सीनियर सेकेंडरी बॉयज के लिए हैं, जिसमे करीब 1100 छात्रों का नामांकन है। जबकि दूसरी बिल्डिंग सर्वाेदय विद्यालय की है। इसमें दो शिफ्टों में कक्षाएं चलती हैं और यहां हर शिफ्ट में 1600 छात्र हैं। इस परिसर के 4 स्कूलों में लगभग 6000 छात्र पढ़ते हैं।
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अगले साल से साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम भी ले सकेंगे छात्र
इस स्कूल के नए पक्के भवन के उद्घाटन से अब इस क्षेत्र के सभी बच्चों को सीखने का सम्मानजनक और आरामदायक स्थान मिलेगा। अभी तक इस स्कूल में केवल आर्ट्स और वोकेशनल स्ट्रीम की पढ़ाई होती थी। लेकिन नई बिल्डिंग में अगले साल से साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम भी स्टूडेंट्स को आॅफर की जाएगी।