उत्तर प्रदेश में इस वक्त कई जिलों में बाढ़ के हालात बने हैं तो कई ऐसे भी जिले हैं, जहां सूखा पड़ रहा है। पीलीभीत के साथ-साथ पूर्वांचल के सात ऐसे जिले हैं जिनमें सामान्य से 99 फीसदी बारिश कम हुई है। 33 जिले ऐसे हैं जिनमें करीब 60 प्रतिशत वर्षा कम दर्ज की गई है, लेकिन पश्चिम के ऐसे जिले हैं जहां बाढ़ के हालात बने हैं। वह भी इसलिए कि हरियाणा और हिमाचल उत्तराखंड आदि राज्यों से पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन पश्चिम के गौतम बुध नगर गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, शामली, अलीगढ़ और मथुरा आदि जिलों में बारिश सामान्य से अधिक हुई है। अब प्रदेश सरकार ने कुछ जिलों को सूखा घोषित करने का प्लान बनाया है।
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पूर्वी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिले संकट में है क्योंकि यहां सामान्य से 64 प्रतिशत वर्षा कम हुई। जबकि पश्चिम में रिकॉर्ड स्तर पर 118 प्रतिशत बारिश ज्यादा देखने को मिली है। खरीफ की फसल 96 लाख हेक्टेयर के टारगेट को पूरा ना करते हुए 78 लाख हेक्टेयर में ही बोल जा सकी है हालांकि पिछले वर्षों से यह 5 प्रतिशत अधिक है, लेकिन धान का रकबा बढ़ाने का लक्ष्य था। जो पूरा नहीं हो पाएगा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और विभिन्न जिलों में सूखे जैसे स्थिति पर हर जरूरी कदम उठाए जाने के दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर हाल में नहरों के टेल तक पानी पहुंच जाए। सिंचाई और बिजली विभाग को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ जिलों को छोड़कर इस वर्ष बारिश असामान्य रही है।