आउटेज का असर
आज सुबह लगभग 9 बजे यूटीसी (भारतीय समयानुसार दोपहर 2:30 बजे) से शुरू हुए इस आउटेज ने करीब 40 मिनट तक कई प्रमुख प्लेटफॉर्म्स को प्रभावित किया। भारत में जेरधा, ग्रो, ब्लिंकिट और कैनवा जैसे ऐप्स यूजर्स के लिए अनुपलब्ध हो गए, जिससे ट्रेडिंग और डिजाइनिंग जैसे महत्वपूर्ण काम रुक गए। वैश्विक स्तर पर लिंक्डइन, जूम, डाउनडिटेक्टर, फोर्टनाइट, डोरडैश, कॉइनबेस, क्रैकेन, यूनिस्वैप और ओपनसी जैसे प्लेटफॉर्म्स भी ठप हो गए। सोशल मीडिया एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यूजर्स ने मीम्स शेयर करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की, जबकि ग्रो सपोर्ट ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की कि उनकी सर्विसेज क्लाउडफ्लेयर आउटेज के कारण प्रभावित हुई थीं, लेकिन अब बहाल हो चुकी हैं।
क्लाउडफ्लेयर की स्टेटस पेज के अनुसार, डैशबोर्ड और एपीआई से जुड़ी समस्याएं सुबह 8:56 यूटीसी से शुरू हुईं, जहां रिक्वेस्ट फेल हो रही थीं या एरर मैसेज दिख रहे थे। इसके अलावा, वेब एप्लिकेशन फायरवॉल (डब्ल्यूएएफ) में किए गए बदलाव के कारण नेटवर्क अनुपलब्धता हुई, जो रिएक्ट सर्वर कंपोनेंट्स (आरएससी) की एक गंभीर कमजोरी को दूर करने के लिए था।
कारण
क्लाउडफ्लेयर के सीटीओ डेन नेक्ट ने एक्स पर पोस्ट कर स्पष्ट किया, “हम क्लाउडफ्लेयर के नेटवर्क की उपलब्धता प्रभावित करने वाली समस्या से अवगत हैं। यह कोई अटैक नहीं था; मूल कारण इस हफ्ते की रिएक्ट सीवीई को कम करने में मदद के लिए कुछ लॉगिंग को अक्षम करने का था। आज ही ब्लॉग पोस्ट में पूरी जानकारी साझा करेंगे। साइट्स अब ऑनलाइन हो चुकी हैं, लेकिन मैं इस निराशा और कामकाज में हुई रुकावट को समझता हूं।” यह कमजोरी, जिसे सीवीई-2025-55182 के रूप में ट्रैक किया गया है, रिएक्ट 19 लाइब्रेरी पर चलने वाले वेब सर्वर्स पर रिमोट कोड एक्जीक्यूशन (आरसीई) की अनुमति देती है। क्लाउडफ्लेयर ने इसे रोकने के लिए डब्ल्यूएएफ रूल्स अपडेट किए, लेकिन इससे अनपेक्षित रूप से आउटेज हो गया।
कंपनी की स्टेटस पेज पर अपडेट के मुताबिक, सुबह 9:20 यूटीसी तक समस्या हल हो चुकी है और सभी सर्विसेज सामान्य रूप से काम कर रही हैं। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में शेड्यूल्ड मेंटेनेंस के कारण मामूली लेटेंसी देखी गई, जैसे डेट्रॉइट (डीटीडब्ल्यू) डेटासेंटर में।
एक महीने में दूसरी बड़ी विघ्न
यह क्लाउडफ्लेयर की इस महीने की दूसरी बड़ी आउटेज है। पिछले महीने भी इसी कंपनी की समस्या ने चैटजीपीटी, स्पॉटिफाई और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल समेत कई प्लेटफॉर्म्स को प्रभावित किया था। क्लाउडफ्लेयर इंटरनेट ट्रैफिक का एक बड़ा हिस्सा संभालता है, जो वेबसाइट्स को हाई ट्रैफिक के दौरान ऑनलाइन रखता है और साइबर अटैक्स से बचाता है। यह यूजर्स और वेबसाइट्स के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका निभाता है, जिससे स्पीड और सिक्योरिटी बढ़ती है। इतने सारे बिजनेस इस पर निर्भर होने के कारण एक छोटी सी खराबी भी वैश्विक स्तर पर कई असंबंधित साइट्स को ठप कर सकती है।
यूजर्स की प्रतिक्रिया और आगे की राह
एक्स पर #CloudflareOutage ट्रेंड कर रहा है, जहां यूजर्स ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि “एक और आउटेज, फिर ऊपर केवल!” कुछ ने तो यहां तक कहा कि क्लाउडफ्लेयर की लगातार समस्याओं से इंटरनेट की नाजुकता उजागर हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं से कंपनियों को अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने की जरूरत है।
क्लाउडफ्लेयर ने वादा किया है कि आज ही पूरी घटना पर विस्तृत ब्लॉग पोस्ट जारी करेगा। फिलहाल, सभी सर्विसेज बहाल हो चुकी हैं, लेकिन यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे रिएक्ट और नेक्स्टजेएस को लेटेस्ट वर्जन पर अपग्रेड करें ताकि ऐसी कमजोरियों से बचा जा सके।

