सीआईएसएफ के जवानों में सुसाइड केस में कमी, जयपुर, दिल्ली, भोपाल, चंडीगढ़ में 75,000+ जवानों को मिली मानसिक स्वास्थ्य सहायता

CISF Project Man News : केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने अपने जवानों के बीच आत्महत्या के मामलों में उल्लेखनीय कमी हासिल की है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में सीआईएसएफ में आत्महत्या की दर 9.87 प्रति लाख रही, जो 2023 की तुलना में 40% से अधिक की कमी हुई है। यह पहली बार है जब पिछले पांच वर्षों में सीआईएसएफ की आत्महत्या दर राष्ट्रीय औसत (12.4 प्रति लाख, एनसीआरबी 2022) से नीचे आई है। इस उपलब्धि का श्रेय बल द्वारा शुरू किए गए मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन के लिए व्यापक उपायों को दिया जा रहा है, जिसने जयपुर, दिल्ली, भोपाल, चंडीगढ़ सहित देशभर में 75,000 से अधिक जवानों को लाभ पहुंचाया है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए किए गए प्रमुख उपाय
सीआईएसएफ ने जवानों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए कई नवाचार किए हैं। इनमें शामिल हैं:
• प्रोजेक्ट मन
यह 24×7 टेली-परामर्श और व्यक्तिगत परामर्श सेवा है, जिसके तहत सितंबर 2024 तक 4,200 जवानों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान की गई। यह पहल आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट के सहयोग से शुरू की गई है।
• तनाव प्रबंधन के लिए योग और खेलकूद:
650 प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों के माध्यम से प्रत्येक यूनिट में नियमित योग कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। इसके अलावा, प्रत्येक यूनिट में एक घंटे का खेल सत्र भी अनिवार्य किया गया है, जो जवानों के तनाव को कम करने में सहायक सिद्ध हुआ है।
• कमांडिंग अधिकारियों का जुड़ाव
“अपने जवानों को जानें, अपने जवानों की सुनें” के आदर्श वाक्य के तहत कमांडिंग अधिकारी नियमित रूप से ड्यूटी पोस्ट पर जाकर जवानों से सीधा संवाद करते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं।
• नई पोस्टिंग नीति
दिसंबर 2024 में लागू की गई नई मानव संसाधन नीति के तहत जवानों को उनकी पसंद के अनुसार पोस्टिंग दी जा रही है। यह नीति विशेष रूप से महिला कार्मिकों, विवाहित दंपतियों और सेवानिवृत्ति के करीब जवानों की जरूरतों को ध्यान में रखती है।
• ऑनलाइन शिकायत निवारण
एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से शिकायतों की त्वरित निगरानी और समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है।
• एम्स के साथ अध्ययन
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के सहयोग से किए गए मानसिक स्वास्थ्य अध्ययन की सिफारिशों को यूनिट स्तर पर लागू किया जा रहा है।
आंकड़ों में सुधार
सीआईएसएफ के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में केवल 15 जवानों ने आत्महत्या की, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम है। तुलनात्मक रूप से, 2022 में 26 और 2023 में 25 मामले दर्ज किए गए थे। यह कमी जवानों के बीच तनाव के प्रमुख कारणों जैसे लंबे समय तक परिवार से दूरी, आर्थिक समस्याएं, और कार्यस्थल के दबाव को संबोधित करने के लिए किए गए प्रयासों का परिणाम है।
जवानों की भलाई के लिए प्रतिबद्धता
सीआईएसएफ के डीआईजी दीपक वर्मा ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में पिछले पांच वर्षों में 730 जवानों ने आत्महत्या की, लेकिन सीआईएसएफ ने इस समस्या से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। इन प्रयासों ने न केवल आत्महत्या की दर को कम किया है, बल्कि जवानों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई है।
विशेषज्ञों की राय
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सीआईएसएफ की यह पहल अन्य सशस्त्र बलों के लिए एक मॉडल हो सकती है। तनाव प्रबंधन, नियमित परामर्श, और कार्य-जीवन संतुलन को बढ़ावा देने वाली नीतियां जवानों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
सीआईएसएफ की इस पहल ने न केवल जवानों के जीवन को बचाने में मदद की है, बल्कि यह भी साबित किया है कि सही दृष्टिकोण और समर्पण के साथ मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को भी बढ़ावा दिया है।
विशेषज्ञों की राय
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सीआईएसएफ की यह पहल अन्य सशस्त्र बलों के लिए एक मॉडल हो सकती है। तनाव प्रबंधन, नियमित परामर्श, और कार्य-जीवन संतुलन को बढ़ावा देने वाली नीतियां जवानों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
सीआईएसएफ की इस पहल ने न केवल जवानों के जीवन को बचाने में मदद की है, बल्कि यह भी साबित किया है कि सही दृष्टिकोण और समर्पण के साथ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों का समाधान संभव है।

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