Chess World Cup Final: प्रगनाननंदा का टूटा सपना, मैग्नस कार्लसन ने विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया
बाकू| शतरंज विश्व कप के फाइनल में भारत के रमेशबाबू प्रगनाननंदा को विश्व के नंबर एक खिलाड़ी नार्वे के मैग्नस कार्लसन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है। इस हार के साथ ही प्रगनाननंदा के विश्व चैंपियन बनने का सपना टूट गया।टाईब्रेक में पहले गेम में प्रगनाननंदा को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में यह मैच टाई ब्रेकर में पहुंचा और यहां जीत हासिल कर मैग्नस कार्लसन ने विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। अमेरिका के फैबियानो कारुआना तीसरे और अजरबैजान के निजात अबासोव चौथे स्थान पर रहे। इसके साथ ही उनके लिए वापसी बेहद मुश्किल हो गई थी। अगला गेम कार्लसन ने ड्रॉ कराया और मैच अपने नाम किया। दोनों खिलाड़ियों के बीच क्लासिकल प्रारूप में दोनों मुकाबले ड्रॉ रहे थे।
क्लासिकल प्रारूप में दूसरा मुकाबला बुधवार को खेला गया। इस मैच में कार्लसन सफेद मोहरों के साथ खेल रहे थे और प्रगनाननंदा काले मोहरों के साथ खेल रहे थे। इस मैच में भी दोनों खिलाड़ी संयमित नजर आए और शुरुआत से ही लग रहा था कि मैच ड्रॉ होगा और अंत में हुआ यही। एक घंटे तक चले मुकाबले में दोनों खिलाड़ियों ने 30 चालें चलीं, लेकिन मैच बराबरी पर रहा और अंत में दोनों ने ड्रॉ खेलने का फैसला किया। इस मैच में कार्लसेन शुरुआत में समय के लिहाज से आगे थे, लेकिन इसका फायदा नहीं उठा सके और अंत में वह खुद समय के मामले में पिछड़ने लगे थे।
तीसरे दिन पहला गेम हार गए थे प्रगनाननंदा
फाइनल मैच के तीसरे दिन टाई ब्रेकर में प्रगनाननंदा सफेद मोहरों के साथ पहला गेम हार गए थे। इसके साथ ही उनकी हार लगभग तय हो गई थी, क्योंकि कार्लसन के खिलाफ काले मोहरों के साथ अगला गेम जीतना उनके लिए बेहद मुश्किल था। अंत में हुआ भी ऐसा ही। कार्लसन ने सफेद मोहरों के साथ बेहद रक्षात्मक खेल दिखाया और शुरुआत से ही किलेबंदी करके समय जाया करते रहे। अंत में यह गेम ड्रॉ पर खत्म हुआ और पहला गेम जीतने वाले कार्लसन ने मैच अपने नाम किया।
क्लासिकल मुकाबलों में क्या हुआ?
रमेशबाबू प्रगनाननंदा और मैग्नस कार्लसन के बीच विश्व कप के फाइनल मैच में क्लासिकल प्रारूप का पहला गेम मंगलवार को हुआ था। प्रगनाननंदा सफेद और कार्लसन काले मोहरों के साथ खेल रहे थे। दोनों खिलाड़ियों ने बहुत ही संयमित तरीके से यह मैच खेला। बाद में कार्लसन ने काले मोहरों के साथ यह मैच जीतने की कोशिश की, लेकिन प्रगनाननंदा ने शानदार रक्षात्मक खेल दिखाया और मैच बचाने में सफल रहे। 35 चाल के बाद दोनों खिलाड़ियों ने हाथ मिलाए और मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ।