रिपोर्ट के मुताबिक, शिकागो के डाउनटाउन इलाके में सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए, जो अवैध आप्रवासियों के खिलाफ चल रही फेडरल क्रैकडाउन का विरोध कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने बैनर और नारे लगाते हुए कहा कि यह कार्रवाई मानवाधिकारों का उल्लंघन है। पुलिस ने आंसू गैस और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल करते हुए भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की, जिसके जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की। परिणामस्वरूप, कम से कम 15 लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनमें से कुछ को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने 20 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है।
घटना का संदर्भ राष्ट्रपति की हालिया नीतियों से जुड़ा है, जिसमें अवैध आप्रवासियों की पहचान और निर्वासन को तेज करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। शिकागो, जो एक ‘सैंक्चुअरी सिटी’ के रूप में जाना जाता है, में यह विरोध और तीव्र हो गया क्योंकि स्थानीय अधिकारी फेडरल एजेंसियों के साथ सहयोग करने से इनकार कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने एबीसी न्यूज को बताया, “यह सिर्फ आप्रवासन का मुद्दा नहीं, बल्कि हमारे समुदायों को तोड़ने की साजिश है। हम चुप नहीं बैठेंगे।”
पुलिस विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि कार्रवाई कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक थी, और किसी भी हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह घटना अमेरिका भर में आप्रवासन बहस को और भड़का सकती है, खासकर मध्यावधि चुनावों के बाद बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आगे के प्रदर्शनों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।

