Chaos at Messi’s Kolkata event: अर्जेंटीना के फुटबॉल लीजेंड लियोनेल मेस्सी के ‘GOAT टूर’ के तहत सॉल्ट लेक स्टेडियम में आयोजित इवेंट शनिवार को पूर्ण अव्यवस्था में बदल गया। हजारों प्रशंसकों की नाराजगी के बाद हिंसा भड़क उठी, जिसमें कुर्सियां तोड़ी गईं, बोतलें फेंकी गईं और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। मुख्य आयोजक सतद्रु दत्ता को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मेस्सी और प्रशंसकों से सार्वजनिक माफी मांगी है। विपक्षी दल बीजेपी ने इस घटना को ‘टीएमसी का लूटेरा तमाशा’ बताते हुए ममता से इस्तीफे की मांग दोहराई जा रही है।
मेस्सी के दर्शन के दौरान सॉल्टलेक स्टेडियम में हंगामा मच गया, जिसके बाद विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “शर्म आनी चाहिए ममता बनर्जी को! ‘खेला होबे’ सर्कस टीएमसी लूट-तांड़व में बदल गया युभा भारती में! आज कोलकाता में क्या घटिया नजारा था! हमारे फुटबॉल के दीवाने बंगाली प्रशंसक, जीओएटी लियोनेल मेस्सी के एक झलक पाने का सपना देखते हुए हजारों रुपये टिकटों पर उड़ाए, ताकि अपने ही राज्य में उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक बनाया जाए।”
इस अव्यवस्था ने बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस की भी आलोचना खींच ली, जिन्होंने इसे कोलकाता की खेल संस्कृति के लिए काला दिन करार दिया और आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। आयोजन के टिकटों की कीमत 4,500 रुपये से 10,000 रुपये तक थी, और कई प्रशंसकों ने कहा कि उन्होंने बड़ी रकम खर्च की लेकिन निराश होकर लौटना पड़ा।
यह घटना अब राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गई है, जिसमें बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस पर एक प्रमुख खेल आयोजन को “भ्रष्ट सर्कस” में बदलने का आरोप लगाया है, जबकि राज्य सरकार ने औपचारिक जांच के माध्यम से जवाबदेही का वादा किया है। टिकटों की कीमत 4,500 से 10,000 रुपये तक थी, लेकिन प्रशंसकों को मेस्सी का सिर्फ 15-20 मिनट का ही दर्शन हुआ। वीआईपी और मंत्रियों की भारी भीड़ ने उन्हें घेर लिया, जिससे आम फैंस दूर रह गए। नाराजगी चरम पर पहुंचते ही भीड़ ने तोड़फोड़ मचाई, कुर्सियों में आग लगा दी और नारे लगाए। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर स्थिति संभालनी पड़ी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए एक्स पर पोस्ट किया, “मैं सॉल्ट लेक स्टेडियम में आज हुई अव्यवस्था से गहरी रूप से व्यथित और स्तब्ध हूं। लियोनेल मेस्सी और फुटबॉल प्रेमियों से हार्दिक माफी मांगती हूं।” उन्होंने रिटायर्ड कलकत्ता हाईकोर्ट जज जस्टिस आशीम कुमार राय की अगुवाई में उच्चस्तरीय जांच समिति गठित करने का ऐलान किया, जो जिम्मेदारी तय कर सुधारात्मक कदम सुझाएगी। डीजीपी मनोज मलिक ने कहा कि सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
अधिकारी ने आयोजकों और राज्य प्रशासन पर दर्शकों का शोषण करने का भी आरोप लगाया। “और सुनिए: अंदर पानी की बोतलें प्रतिबंधित, मजबूर प्रशंसकों को 20 रुपये की बोतल के लिए 200 रुपये चुकाने पड़े? क्लासिक टीएमसी वसूली का रैकेट!” उन्होंने कहा, साथ ही यह भी जोड़ा कि आयोजन को राजनीतिक फोटो अवसर और लाभ का व्यायाम बना दिया गया। “यह सिर्फ लापरवाही नहीं है; यह पश्चिम बंगाल की गरिमा पर आपराधिक हमला और हमारे उत्साही फुटबॉल प्रेमियों का विश्वासघात है। बस बहुत हुआ!”
अपनी मांगों की सूची देते हुए अधिकारी ने कहा, “हर गैलरी टिकट धारक को पूर्ण 100% रिफंड, हर पैसा जो चुराया गया, लौटाओ,” “खेल मंत्री अरूप बिस्वास, अग्नि मंत्री सुजीत बोस और नकली आयोजक शतद्रु दत्ता की तत्काल गिरफ्तारी,” और जोर देकर कहा कि “ममता बनर्जी को इस्तीफा देना चाहिए, जो पश्चिम बंगाल का नाम वैश्विक मंच पर कीचड़ में घसीट रही हैं।”
एक्स पर भी प्रतिक्रियाएं उफान पर हैं। एक यूजर ने लिखा, “मेस्सी के लिए 5-8 हजार रुपये खर्च कर घंटों इंतजार, सिर्फ 15 मिनट का वेव! टीएमसी पॉलिटिशियन ने घेर लिया। साल का सबसे बड़ा घोटाला!” वहीं, कई पोस्ट्स में फैंस ने स्थानीय फुटबॉल को बढ़ावा देने की अपील की, “इतना जुनून लोकल टीमों के लिए दिखाओ तो भारतीय फुटबॉल उड़ान भर ले।”
यह घटना राजनीतिक रंग ले चुकी है। बीजेपी इसे तृणमूल कांग्रेस की भ्रष्टाचार की मिसाल बता रही है, जबकि राज्य सरकार जांच का वादा कर जवाब दे रही है। जांच रिपोर्ट के इंतजार में आंखें टिकी हैं, लेकिन फैंस की निराशा आसानी से कम नहीं हो रही।

