इस घटना की शुरुआत कैसे हुई, इस बारे में ISKCON के इतिहास को देखें तो यह आश्चर्यजनक नहीं लगती। 1966 में ISKCON के संस्थापक एकसील प्रभुपाद ने न्यूयॉर्क के टॉम्पकिंस स्क्वायर पार्क में पहला सार्वजनिक कीर्तन आयोजित किया था, जहां ‘हरे कृष्णा’ मंत्र का जाप शुरू हुआ। तब से यह मंत्र अमेरिका में हिंदू आध्यात्मिकता का प्रतीक बन गया। आज टाइम्स स्क्वायर जैसे स्थानों पर नियमित रूप से ऐसे कार्यक्रम होते हैं, जहां भक्त न केवल जाप करते हैं बल्कि भगवद्गीता जैसी पुस्तकों का वितरण भी करते हैं। जून 2025 में भी यहां रथ यात्रा का हिस्सा था, जो इस परंपरा को जीवंत रखता है।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को हजारों व्यूज मिल चुके हैं। ईकोनॉमिक टाइम्स ने इसे ‘टाइम्स स्क्वायर में हरे राम हरे कृष्णा का गूंजना’ बताते हुए कवर किया, जबकि जी न्यूज ने भक्तों के भजन को हाइलाइट किया। मनीकंट्रोल हिंदी ने इसे वायरल वीडियो करार दिया। यह घटना भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहुंच को रेखांकित करती है, जहां भक्ति का संदेश आधुनिक दुनिया के बीचों-बीच पहुंच रहा है।
ISKCON के अनुसार, ‘हरे कृष्णा’ मंत्र भगवान कृष्ण की भक्ति का सरल माध्यम है, जो तनावपूर्ण जीवन में शांति प्रदान करता है। यदि आप भी इसमें शामिल होना चाहें, तो न्यूयॉर्क के ISKCON मंदिर या आने वाले रथ यात्रा कार्यक्रमों पर नजर रखें। यह केवल एक भजन नहीं, बल्कि एक वैश्विक आंदोलन का हिस्सा है जो सदियों पुरानी परंपरा को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।

