चंद्रयान 3 चांद के नजदीक पहुंचा, इन बातों का मिलेगा जवाब

चंद्रयान 3 चांद के सबसे नजदीक कक्षा में पहुंच चुका है। चंद्रमा के करीब पहुंचने के साथ ही विक्रम लैंडर ने बीत दिन चांद की कई तस्वीरें भेज रहा हैं। इसरो ने जारी करते हुए कहा कि अंतरिक्ष यान ने ये तस्वीरें अपने लैंडिंग स्थल को ढूंढने के दौरान खींची है। चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर कल यानी बुधवार को लैंडिंग से 2 घंटे पहले स्थिति का जायजा लेगा। अगर लैंडर लॉड्यूल की सेहत और चांद पर स्थिति सही नहीं रही तो लैंडिंग को 27 अगस्त तक रोकी जा सकती है।

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इसरो वैज्ञानिक नीलेश देसाई ने कहा कि लैंडर 23 अगस्त को 30 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा की सतह पर उतरने की कोशिश करेगा और उस समय इसकी स्पीड 1.68 किमी प्रति सेकंड होगी। वैज्ञानिक ने कहा कि लैंडिंग के समय स्पीड को और कम की जाएंगी। यदि ऐसा नहीं हो सका तो क्रैश लैंडिंग की संभावना होगी।

चंद्रयान 3 के लैंडिंग के अंतिम क्षण काफी महत्पूर्ण होने वाले हैं। दरअसल, किसी भी स्पेस मिशन के अंतिम क्षणों को लास्ट मिनट्स ऑफ टेरर कहा जाता है। चंद्रयान 3 के साथ भी ऐसा है, इस दौरान लैंडर चांद के ऑर्बिट से निकलकर सतह पर लैंडिंग करने की कोशिश करेगा। इन अंतिम 15 मिनट में लैंडर खुद से ही काम करता है। इस प्रक्रिया में इसरो से कोई भी कमांड नहीं दिया जा सकता है। इस दौरान विक्रम लैंडर को सही समय, ऊंचाई और सही मात्रा में ईंधन का इस्तेमाल कर लैंडिंग करनी होती है। भारत के लिए इसे एक अहम माना जा रहा है।

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