Chandigarh News: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार खाली पड़े पदों को समाप्त करने पर तुली है। इन रिक्त पदों को समाप्त करके न सिर्फ सरकारी कर्मियों पर बोझ डाला जा रहा है बल्कि देश व प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी खत्म किए जा रहे हैं। सैलजा ने बताया कि कौशल रोजगार निगम का गठन कर पहले ही सुनिश्चित किया जा चुका है कि अब प्रदेश में ठेके पर ही भर्ती की जाएंगी तथा इनकी एवज में न तो स्थाई रोजगार मिलेगा और न ही ग्रेड के अनुसार तनख्वाह दी जा रही है।
सैलजा ने कहा कि कौशल रोजगार के अंतर्गत युवाओं को रोजगार प्रदान करने का सरकार का उद्देश्य स्वंम की खामियों को छुपाकर,बेरोजगार और प्रतिभाशाली युवाओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना है। मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि बेरोजगारी के मामले में हरियाणा लगातार देश में नाम कमा रहा है। जो प्रदेश अन्य राज्यों के भी लाखों लोगों को रोजगार देता था, आज उसके पढ़े-लिखे युवा भी रोजगार के लिए तरस रहे हैं। प्रदेश के शिक्षित युवा रोजगार की तलाश में विदेशों में संघर्ष करने के लिए मजबूर हो गए हैं परंतु सरकार अपनी वाहवाही लूटने में लगी है।
इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने पदों के नए निर्धारण में 13462 पदों की कुछ समय पहले सीधे कटौती कर दी और इसके बाद करीब 25 हजार पदों को फ्रीज कर दिया। अब फिर से दो साल से खाली पड़े पदों को खत्म करने की साजिश रची जा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरकारी नौकरियों के 4.58 लाख पद थे, जो घटाकर 4.45 लाख कर दिए हैं। 80 के दशक में प्रदेश की आबादी सवा करोड़ थी और तब सरकारी कर्मियों के साढ़े चार लाख पद थे परन्तु वर्तमान में प्रदेश की जनसंख्या बढ़कर तीन करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है जिसके अनुसार कर्मियों की संख्या 10 लाख से अधिक होनी चाहिए थी। इसके विपरीत सरकार द्वारा पदों को बढ़ाने की बजाए घटाया जा रहा है।
जिससे कर्मचारियों पर वर्क लोड बढ़ रहा है और वे मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि यह कितनी बड़ी विडंबना है कि सरकारी विभागों में कर्मियों के 41 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। खाली पदों पर भर्ती करने की बजाए युवाओं को कभी ग्रुप डी तो कभी ग्रुप-3 के सीईटी में उलझा दिया जाता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आम लोगों से सीधे जुड़ाव वाले पुलिस, जन स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, पशुपालन, सिंचाई, स्वास्थ्य, पंचायत जैसे महकमों में सबसे अधिक पद खाली पड़े हुए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी कर्मचारियों पर काम का कितना बड़ा भार है। कुमारी सैलजा ने बताया कि पिछले दिनों हरियाणा के सभी लिपिक कार्यभार बढ़ने औऱ उचित वेतनमान न मिलने के रोष स्वरूप लगातार हड़ताल पर रहे परन्तु सरकार इन परिस्थितियों में सबक लेने की बजाय हठधर्मिता पर अड़ी है। सरकार की मनमानी और अलोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित करने का खामियाजा भविष्य में स्वंम गठबंधन सरकार को भुगतना पड़ेगा। कार्य के अत्यधिक भार के कारण और मांगों को लेकर सुनवाई न होने पर प्रदेश के सरकारी कर्मचारी गठबंधन सरकार के खिलाफ लगातार मुखर हैं और आने वाले चुनाव में इन्हें सत्ता से बाहर करके ही दम लेंगे।