Ghaziabad news लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट ने वीरवार को ज्ञानपीठ केंद्र 1, स्वरूप पार्क, सामाजिक न्याय के पुरोधा, पाखंड, रूढ़िवाद और कुरीतियों के कट्टर विरोधी ईवी. रामा स्वामी पेरियार जयंती और शिव दयाल चौरसिया की पुण्यतिथि मनाई।
कार्यक्रम में सभी सदस्यों ने इन महापुरुषों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके विचारों और कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
राजनीतिक चिंतक राम दुलार यादव ने कहा कि ई.वी. रामा स्वामी पेरियार और शिव दयाल चौरसिया दोनों ही सामाजिक समानता और न्याय के अग्रणी रहे। वह दोनों संपन्न परिवारों से आने के बावजूद वंचितों, दलितों, पीड़ितों के लिए अन्याय, धार्मिक पाखंड, ऊंच-नीच की व्यवस्था के खिलाफ जीवन भर संघर्ष करते रहे।
शिव दयाल चौरसिया ने कहा था, “मैं चौरसिया हूँ, जब तक देश में असमानता की खाई बराबर नहीं कर दूंगा, चैन से नहीं बैठूंगा।” उन्होंने गरीब छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा और मुकदमे लड़ने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी प्रदान की। वह डॉ. भीमराव आंबेडकर और कांशीराम के मिशन को आगे बढ़ाने में निरंतर सक्रिय रहे।
पेरियार रामास्वामी ने दक्षिण और उत्तर भारत में व्यापक सामाजिक चेतना का बीज बोया। वे तर्कशील, दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने धार्मिक स्थलों पर हो रहे शोषण, रूढ़ियों और कुरीतियों का तीव्र विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब तक समाज वैचारिक क्रांति नहीं करेगा, तब तक शोषण खत्म नहीं होगा।
इस मौके पर अमरजीत सिंह कलिंगा, संजय चौरसिया, डॉ. देवकर्ण चौहान, शम्भू नाथ जायसवाल, हुकुम सिंह, सत्यपाल सिंह, ब्रह्म प्रकाश, ओम प्रकाश अरोड़ा, हरेन्द्र यादव, मुनीव राम यादव, चुन्नीलाल चौरसिया, लक्ष्मी नारायण सहगल, रामेश्वर यादव, अनिल मिश्र, विजय मिश्र, आर.बी. यादव, अमृतलाल चौरसिया और विनोद त्रिपाठी मौजूद रहे।
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