सीबीआई के प्रवक्ता ने गुरुवार रात जारी बयान में कहा, “सीबीआई ने 6 नवंबर को अकील अख्तर हत्याकांड में एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर पूर्व पंजाब DGP मोहम्मद मुस्तफा और पूर्व लोक निर्माण मंत्री रजिया सुल्ताना के बेटे अकील अख्तर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के आरोपों पर आधारित है।” एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103(1) (हत्या) और 61 (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज की गई है। इसमें मुस्तफा, सुल्ताना, अकील की पत्नी और बहन को आरोपी बनाया गया है।
मामले की शुरुआत पंचकुला पुलिस ने 20 अक्टूबर को मलेरकोटला निवासी शमशुद्दीन चौधरी की शिकायत पर की थी।
शमशुद्दीन परिवार के करीबी माने जाते हैं। हरियाणा सरकार ने बाद में इस केस को सीबीआई को सौंप दिया, क्योंकि यह पंजाब और हरियाणा की सीमाओं को पार करता था। केंद्र सरकार ने 5 नवंबर को सीबीआई जांच के आदेश दिए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी स्पष्ट नहीं है और विसेरा (आंतरिक अंगों) की जांच का इंतजार है। प्रारंभिक जांच में ड्रग ओवरडोज का संदेह जताया गया, लेकिन परिवार के बीच विवाद ने मामले को जटिल बना दिया।
परिवार में गहरा विवाद
अकील अख्तर की मौत से पहले परिवार में तनाव चरम पर था। 27 अगस्त को अकील ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने अपने पिता और पत्नी के बीच अवैध संबंधों का आरोप लगाया। वीडियो में उन्होंने कहा कि पूरा परिवार—मां, बहन सहित—उन्हें मारने की साजिश रच रहा है या झूठे केस में फंसाने की कोशिश कर रहा है। वीडियो दो घंटे बाद हटा लिया गया था। बाद में एक अन्य वीडियो में अकील ने इन्हें अपनी स्किजोफ्रेनिया के कारण कहा, लेकिन जांच एजेंसियां इसे गंभीरता से ले रही हैं।
मुस्तफा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनका बेटा 2007 से ड्रग्स की लत और मानसिक बीमारी से जूझ रहा था। उन्होंने दावा किया कि अकील ने कभी घर में आग लगाने और पत्नी-मां पर अत्याचार करने जैसी घटनाओं को अंजाम दिया। “18 साल से हम उसे पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज करा रहे थे, लेकिन वह बार-बार लौट जाता था। वह हिंसक हो जाता था और अपनी हालत के कारण कुछ भी कह-कर देता था,” मुस्तफा ने कहा। उन्होंने आरोपों को “झूठा और राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
एक प्रभावशाली परिवार का दर्द
मोहम्मद मुस्तफा 2021 में पंजाब DGP के पद से रिटायर हुए और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। उनकी पत्नी रजिया सुल्ताना मलेरकोटला से तीन बार विधायक रह चुकी हैं और 2017-2022 तक कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री थीं। 2022 के विधानसभा चुनाव में वह हार गईं। दंपति का परिवार पंचकुला के सेक्टर-4, मंसा देवी मंदिर के पास रहता था। अकील की मौत के बाद शव को सहारनपुर में अंतिम संस्कार किया गया।
पंचकुला पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने अकील के मोहाली के एक निजी विश्वविद्यालय से हैंडराइटिंग सैंपल मंगवाए हैं, जहां वह पढ़े थे। सीबीआई अब विस्तृत जांच कर रही है, जिसमें सोशल मीडिया वीडियो, मेडिकल रिकॉर्ड और परिवार के सदस्यों के बयान शामिल हैं।
सोशल मीडिया पर बहस
इस मामले ने सोशल मीडिया पर जोरदार बहस छेड़ दी है। पीटीआई न्यूज ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया, जिसमें सीबीआई एफआईआर की डिटेल्स शेयर की गईं। कई यूजर्स ने इसे “परिवारिक साजिश” का मामला बताते हुए न्याय की मांग की, जबकि कुछ ने अकील की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए।
यह मामला पंजाब-हरियाणा की राजनीति में भी सनसनी फैला रहा है, क्योंकि मुस्तफा और सुल्ताना कांग्रेस से जुड़े रहे हैं।
सीबीआई की जांच से कई राज खुलने की उम्मीद है, जो इस दर्दनाक पारिवारिक त्रासदी को नई दिशा दे सकती है।

