CBI files FIR against Anil Ambani’s son: रिलायंस होम फाइनेंस पर करोड़ो के बैंक फ्रॉड का केस दर्ज किया

CBI files FIR against Anil Ambani’s son: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उद्योगपति अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अनिल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के खिलाफ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (पूर्व में आंध्रा बैंक) में 228 करोड़ रुपये के कथित बैंक फ्रॉड के मामले में एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में आरएचएफएल के एक अन्य डायरेक्टर रविंद्र शरद सुधाकर को भी आरोपी बनाया गया है। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई बैंक की शिकायत पर आधारित है, जिसमें कंपनी द्वारा उधार लिए गए फंड्स के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है।
सीबीआई ने मंगलवार को इस मामले में जय अनमोल अंबानी के आवास और कंपनी के दफ्तरों पर छापेमारी भी शुरू कर दी है।

जांच एजेंसी का कहना है कि 2016 से 2019 के बीच कंपनी ने मुंबई स्थित बैंक की एससीएफ शाखा से 450 करोड़ रुपये का क्रेडिट लिमिट लिया था, लेकिन शर्तों का पालन नहीं किया गया। बैंक ने समय पर किस्त चुकाने, ब्याज भुगतान और दस्तावेज जमा करने की शर्त रखी थी, साथ ही सभी बिक्री आय को बैंक खाते के माध्यम से रूट करने का निर्देश दिया था। हालांकि, कंपनी ने किस्तें चुकाने में चूक की, जिसके कारण यह खाता 30 सितंबर 2019 को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) घोषित कर दिया गया।

फॉरेंसिक ऑडिट फर्म ग्रांट थॉर्नटन (जीटी) द्वारा 1 अप्रैल 2016 से 30 जून 2019 की अवधि की जांच में फंड्स के गलत आवंटन और डायवर्जन का खुलासा हुआ। बैंक की शिकायत में कहा गया है कि आरोपी व्यक्तियों ने कंपनी के पूर्व प्रमोटर/डायरेक्टर के तौर पर खातों में हेरफेर कर फंड्स का धोखाधड़ीपूर्ण गबन किया और वित्तीय विश्वासघात किया। उधार दिए गए पैसे का उपयोग मूल उद्देश्य से अलग जगहों पर किया गया, जिससे बैंक को 228 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

यह मामला अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की वित्तीय परेशानियों की पृष्ठभूमि में आया है। आरएचएफएल, जो एनसीएलटी के तहत दिवालिया प्रक्रिया से गुजर चुकी है, पहले भी कई वित्तीय अनियमितताओं का सामना कर चुकी है। जय अनमोल अंबानी, जो कंपनी के बोर्ड में डायरेक्टर रह चुके हैं, इस मामले में प्रमुख आरोपी के रूप में नामित हैं। सीबीआई की जांच में और भी खुलासे होने की संभावना है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर इस खबर को लेकर प्रतिक्रियाएं तेज हैं। कई यूजर्स ने इसे ‘कॉर्पोरेट लूट’ करार देते हुए सरकार पर सवाल उठाए हैं, जबकि कुछ पत्रकारों ने छापेमारी की पुष्टि की है। एक पोस्ट में कहा गया, “सीबीआई ने जय अनमोल के आवास पर सर्च शुरू कर दी है, यह 228 करोड़ के फ्रॉड का केस है।” एक अन्य यूजर ने राजनीतिक कनेक्शन जोड़ते हुए पुरानी राफेल डील का जिक्र किया।

बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ते फ्रॉड मामलों के बीच यह कार्रवाई महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सीबीआई ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन जांच जारी है। आरोपी पक्ष से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह घटना रिलायंस समूह की वित्तीय स्थिरता पर सवाल खड़े करती है।

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