देहरादून हवाईअड्डे पर 232 करोड़ रुपये का गबन, AAI के पूर्व मैनेजर पर CBI ने दर्ज किया केस

Dehradun Airport/CBI News: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया – AAI) के देहरादून हवाईअड्डे पर 232 करोड़ रुपये के गबन का सनसनीखेज मामला सामने आया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में AAI के पूर्व वरिष्ठ मैनेजर (वित्त एवं लेखा) राहुल विजय के खिलाफ मामला दर्ज किया है। राहुल विजय पर आरोप है कि उन्होंने 2019-20 से 2022-23 की अवधि के दौरान फर्जीवाड़े के जरिए प्राधिकरण के खातों से 232 करोड़ रुपये अपने निजी खातों में हस्तांतरित किए।

कैसे हुआ गबन?
CBI के अनुसार, राहुल विजय ने देहरादून हवाईअड्डे पर तैनाती के दौरान AAI के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते के प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता होने का फायदा उठाया। उन्होंने तीन फर्जी आईडी बनाकर पहले छोटी राशियों को अपने खातों में ट्रांसफर किया और जब यह पकड़ में नहीं आया, तो धीरे-धीरे बड़ी राशियों का हस्तांतरण शुरू कर दिया। आरोपी ने प्राधिकरण के वैध वर्क ऑर्डर में हेरफेर कर फर्जी ऑर्डर तैयार किए। असली वर्क ऑर्डर की राशि ठेकेदारों के खातों में भेजी गई, जबकि फर्जी ऑर्डर की राशि उनके निजी खातों में स्थानांतरित की गई।

इसके अलावा, राहुल ने कागजों पर ऐसी संपत्तियों की खरीदारी दिखाई, जो वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं थीं। इन फर्जी खरीदारी की राशि भी उनके खातों में डाली गई। CBI की जांच में पता चला कि राहुल ने 17 संपत्तियों की खरीद कागजों पर दिखाकर 189 करोड़ रुपये और 43 करोड़ रुपये की फर्जी एंट्री के जरिए अपने खातों में भुगतान किया।

मामले का खुलासा और CBI की कार्रवाई
यह मामला तब सामने आया जब AAI के वरिष्ठ मैनेजर (वित्त) चंद्रकांत पी ने 18 अगस्त 2025 को CBI में शिकायत दर्ज की। देहरादून हवाईअड्डे के वित्तीय खातों की आंतरिक लेखा जांच के दौरान अनियमितताएं पकड़ में आईं। जांच में पाया गया कि राहुल विजय ने सिस्टमैटिक तरीके से फर्जीवाड़ा किया। CBI ने शिकायत के आधार पर राहुल विजय को गिरफ्तार कर लिया और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत मामला दर्ज किया।
CBI ने देहरादून और अन्य स्थानों पर राहुल के ठिकानों पर छापेमारी की, जहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए। जांच एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गबन में और कौन-कौन शामिल हो सकता है और क्या इस राशि का इस्तेमाल कहीं और भी किया गया।

AAI और देहरादून हवाईअड्डे का महत्व
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) देश के 137 हवाईअड्डों का संचालन करता है और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। देहरादून का जौलीग्रांट हवाईअड्डा उत्तराखंड का प्रमुख हवाईअड्डा है, जो ग्राहक संतुष्टि सर्वे में देश के 58 हवाईअड्डों में दूसरा स्थान हासिल कर चुका है। इस तरह के बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता का सामने आना AAI के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

आगे की जांच और प्रभाव
CBI इस मामले में गहन जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस गबन में अन्य कर्मचारी या बाहरी लोग भी शामिल थे। इस घटना ने AAI के वित्तीय प्रबंधन और आंतरिक नियंत्रण तंत्र पर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए AAI को अपने सिस्टम को और मजबूत करना होगा।

राहुल विजय की गिरफ्तारी और इस मामले की जांच से देहरादून हवाईअड्डे पर चल रही अन्य गतिविधियों पर भी असर पड़ सकता है। यह मामला न केवल AAI बल्कि पूरे देश में सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

निष्कर्ष
देहरादून हवाईअड्डे पर 232 करोड़ रुपये के गबन का यह मामला सरकारी संस्थानों में वित्तीय अनुशासन और निगरानी की कमी के चलते ये मामला हुआ है। CBI की कार्रवाई से इस मामले में शामिल लोगों को सजा मिलने की उम्मीद है, लेकिन यह घटना भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने पड़ेंगे।

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