CBI/Chandigarh News: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) हरचरण सिंह भुल्लर को 8 लाख रुपये के घूस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। भुल्लर, जो रोपड़ रेंज के डीआईजी के पद पर तैनात हैं, को शुक्रवार को विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया, जहां जज अलका मलिक ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हिरासत की अवधि 30 अक्टूबर तक चलेगी। इस मामले में भुल्लर के साथ-साथ उनके सहयोगी कृशानू शारदा को भी गिरफ्तार किया गया है।
मामला तब सामने आया जब मंडी गोबिंदगढ़ के एक व्यापारी आकाश बत्ता ने 11 अक्टूबर को सीबीआई को शिकायत दर्ज कराई। बत्ता ने आरोप लगाया कि 2023 में फतेहगढ़ साहिब जिले के सिरहिंद थाने में उनके खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज हुआ था। इस केस को ‘सेटल’ करने के लिए भुल्लर ने उनसे 8 लाख रुपये की रिश्वत मांगी, साथ ही मासिक ‘सेवा-पानी’ (घूस) की मांग की। अगर भुगतान न करने पर झूठे आपराधिक केस ठोकने की धमकी दी गई। सीबीआई की जांच में एक व्हाट्सएप कॉल रिकॉर्डिंग भी बरामद हुई, जिसमें भुल्लर कृशानू को 8 लाख रुपये वसूलने के निर्देश देते सुनाई देते हैं।
गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने भुल्लर के चंडीगढ़ के सेक्टर-40 स्थित आवास सहित पंजाब और चंडीगढ़ में कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान नकद 5 करोड़ रुपये (कुछ स्रोतों के अनुसार 7.5 करोड़ तक), 1.5 किलोग्राम सोने के गहने, 22 लग्जरी घड़ियां, मर्सिडीज और ऑडी जैसी लग्जरी कारों की चाबियां, 40 लीटर विदेशी शराब, बैंक लॉकर की चाबियां, 15 से अधिक संपत्तियों के दस्तावेज, और हथियारों का जखीरा (पिस्तौल, रिवॉल्वर, डबल-बैरल बंदूक, एयर गन और गोला-बारूद) बरामद किया गया। मध्यस्थ कृशानू के पास से 21 लाख रुपये नकद जब्त हुए। ये बरामदगी भुल्लर के कथित भ्रष्टाचार के नेटवर्क को उजागर करती हैं।
कोर्ट में पेशी के दौरान भुल्लर ने अपना चेहरा रूमाल से ढका रखा था, लेकिन जज के आदेश पर इसे हटाना पड़ा। सीबीआई के वकील नरेंद्र सिंह ने तर्क दिया कि आरोपी गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका है, इसलिए न्यायिक हिरासत जरूरी है। भुल्लर के वकील एचएस धनोआ और एएस सुखीजा ने आरोपों को झूठा बताते हुए खारिज किया और कहा कि उनका मुवक्किल न्यायिक प्रक्रिया से अपना नाम साफ करेगा। अदालत से उन्होंने जेल में दवाओं की व्यवस्था की भी मांग की।
भुल्लर 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और नवंबर 2024 से रोपड़ रेंज के डीआईजी हैं। वे पूर्व पंजाब डीजीपी एमएस भुल्लर के बेटे हैं। पहले वे मोहाली के एसएसपी और पटियाला रेंज के डीआईजी रह चुके हैं। इसके अलावा, वे शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से जुड़े ड्रग्स मामले की एसआईटी का नेतृत्व कर चुके हैं। इस गिरफ्तारी ने पंजाब पुलिस में भ्रष्टाचार के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिस पर शिरोमणि अकाली दल ने पैसों के स्रोत की जांच की मांग की है।
उधर, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में शिकायतकर्ता आकाश बत्ता और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दे दिया गया है। कोर्ट ने पंजाब सरकार और सीबीआई को खतरे का आकलन करने और जरूरी सुरक्षा मुहैया कराने को कहा गया है। सीबीआई की जांच जारी है, जिसमें संपत्तियों और नकदी के स्रोतों की पड़ताल की जा रही है। यह घटना पंजाब में पुलिस महकमे की छवि पर एक बड़ा सवालिया निशान लगाती है।

