लोकसभा के अंदर कैमरा भी समझने लगा पक्ष-विपक्ष फोकस भी उसी हिसाब से होता है
दिल्ली। आरोप लग रहे है कि जब राहुल गांधी बोले तो स्पीकर की कुर्सी 15 मिनट तक कैमरे ने दिखाई। स्मृति ईरानी बोली तो केवल 4 मिनट ही कैमरा स्पीकर की कुर्सी की ओर गया। आजकल यही भेदभाव संसद से लेकर बाहर तक हो रहा है। विपक्ष को किस तरह से दबाया जाए इसको लेकर बड़े-बड़े महारथी मंथन करते हैं।
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अल्ट न्यूज ने दावा किया है कि जब स्मृति ईरानी लोकसभा में बोल रही थी तो करीब 50 मिनट से ज्यादा बोली जिसमें 4 मिनट कुछ सेकेंड के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को दिखाया गया, लेकिन इससे पहले राहुल गांधी करीब 35 मिनट तक बोले जिसमें 15 से ज्यादा मिनट तक लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को दिखाया गया। अब आरोप लगने लगे हैं कि जब विपक्ष दल का कोई भी सदस्य बोलता है, तो उसके भाषण के दौरान अधिकांश समय कैमरा अध्यक्ष की कुर्सी की ओर होता है और जब कोई सत्ता पक्ष का सांसद भाषण देता है। तो कैमरे का फोकस उन्हीं पर होता है।