सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, डॉ. उमर उन नबी, जो फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर थे, ने ही Hyundai i20 कार को रेड फोर्ट के पास नेटाजी सुभाष मार्ग पर पार्क किया और विस्फोट को अंजाम दिया। ब्लास्ट साइट से मिले डीएनए सैंपल्स की जांच में उनकी पहचान पुष्ट हुई, जो उनकी मां के डीएनए से मैच कर गए। जांचकर्ताओं ने बताया कि उमर पुलवामा के कोइल गांव का निवासी था और पिछले दो वर्षों में सोशल मीडिया पर रेडिकल ग्रुप्स से जुड़ गया था।
यह धमाका जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवात-उल-हिंद (AGuH) जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े ‘व्हाइट कॉलर’ टेरर मॉड्यूल का हिस्सा था। उमर के सहयोगी डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई और डॉ. शाहीन शाहिद, जो उसी यूनिवर्सिटी से जुड़े थे, को गिरफ्तार किया गया है। तीनों आरोपी स्विट्जरलैंड आधारित एन्क्रिप्टेड ऐप Threema के जरिए पाकिस्तान समर्थित हैंडलर ‘उकासा’ से संपर्क में थे। दिल्ली पुलिस ने मॉड्यूल के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है और फरीदाबाद से लगभग 3,000 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री जब्त की है।
सीसीटीवी फुटेज में उमर को रेड फोर्ट के पास सुएहरी मस्जिद पार्किंग में दोपहर 3:19 बजे घुसते और शाम 6:28 बजे बाहर निकलते देखा गया, जो विस्फोट से महज 24 मिनट पहले था।
जांच में अमोनियम नाइट्रेट जैसे खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल उजागर हुआ, जो मॉड्यूल ने फरीदाबाद में एक लाल EcoSport कार से ट्रांसपोर्ट किए थे। उमर के लैपटॉप, फोन और डायरी जब्त की गई हैं, जो साजिश की पूरी रूपरेखा बयां कर सकती हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा, “आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। इस घटना में शामिल हर अपराधी को कड़ी सजा दी जाएगी।” जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कार्रवाई को ‘डिटरेंट’ कदम बताया, जो आतंकी गतिविधियों में सहयोग करने वालों के लिए चेतावनी है। उमर के दो भाइयों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
रेड फोर्ट क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और फॉरेंसिक टीम 40 से अधिक सैंपल्स की जांच कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मॉड्यूल कई राज्यों में सक्रिय था, और आगे की जांच से और खुलासे हो सकते हैं। इस घटना ने एक बार फिर ‘शिक्षित’ आतंकवादियों की चुनौती को रेखांकित किया है, जहां मेडिकल प्रोफेशनल्स तक रेडिकलाइजेशन का शिकार हो रहे हैं।

