ब्रेस्ट इम्प्लांट हटाने की संख्या में बढ़ोतरी, उसने दर्द और डर दिया

Silicone breast implant news: दिल्ली की 46 वर्षीय मीडिया प्रोफेशनल अर्चना सिंह (नाम बदला गया) ने 30 साल की उम्र में सिलिकॉन ब्रेस्ट इम्प्लांट करवाए थे। बच्चे के जन्म के बाद शरीर में आए बदलाव और कम आत्मविश्वास से परेशान अर्चना को लगा था कि इससे उन्हें नया कॉन्फिडेंस मिलेगा। लेकिन 16 साल बाद जब उन्होंने इम्प्लांट निकलवाए, तो बोलीं, “राहत सिर्फ़ शरीर में नहीं, दिमाग में भी आई। अब कैंसर का डर नहीं सताता।”

अर्चना अकेली नहीं हैं। पिछले कुछ सालों में भारत समेत दुनिया भर में हज़ारों महिलाएँ “ब्रेस्ट इम्प्लांट इल्नेस” (BII) की शिकायत के साथ इम्प्लांट हटवा रही हैं।

ब्रेस्ट इम्प्लांट इल्नेस क्या है?
महिलाओं में इम्प्लांट करवाने के कई साल बाद निम्न लक्षण एक साथ दिखाई देने लगते हैं:
• थकान, ब्रेन फॉग (दिमाग का सुस्त पड़ना)
• जोड़ों में दर्द, गर्दन-कंधे में दर्द
• रैशेज़, बाल झड़ना, वज़न बढ़ना/घटना
• चिंता, अनिद्रा, पेट की समस्याएँ
• बार-बार संक्रमण और इम्यून सिस्टम का कमज़ोर पड़ना

मेदांता गुरुग्राम के प्लास्टिक सर्जरी चेयरमैन डॉ. राकेश खज़ांची कहते हैं, “इन लक्षणों का अभी तक कोई वैज्ञानिक कारण सिद्ध नहीं हुआ है, लेकिन इम्प्लांट निकलवाने के बाद 80-90% महिलाओं को तुरंत और स्थायी राहत मिलती है।” हाल के शोध बताते हैं कि इम्प्लांट के चारों ओर बनने वाली बैक्टीरियल बायोफिल्म (बैक्टीरिया की पतली परत) शरीर में लगातार सूजन पैदा कर सकती है।

दुनियाभर में बढ़ते एक्सप्लांट सर्जरी के केस
• पामेला एंडरसन, विक्टोरिया बेकहम, योलान्डा हदीद, मेलिसा टोन्किन जैसी कई हॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ ने भी इम्प्लांट हटवाए और BII की बात की।
• अमेरिका में FDA ने 2019 में टेक्सचर्ड इम्प्लांट पर बैन लगा दिया था क्योंकि उनसे BIA-ALCL (एक दुर्लभ कैंसर) का ख़तरा ज़्यादा था।
• भारत में भी दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु के बड़े सर्जन बता रहे हैं कि पहले जहाँ साल में 4-5 एक्सप्लांट सर्जरी होती थीं, अब हर महीने इतने केस आ रहे हैं।

इम्प्लांट क्यों ख़राब होते हैं?
दिल्ली के सीनियर कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. अनूप धीर बताते हैं:
• 10-20 साल बाद इम्प्लांट फट सकते हैं या लीक कर सकते हैं।
• सिलिकॉन इम्प्लांट का फटना “साइलेंट रप्चर” कहलाता है, पता सिर्फ़ MRI से चलता है।
• कैप्सुलर कंट्रैक्चर: इम्प्लांट के चारों ओर बनने वाला स्कार टिश्यू सख़्त हो जाता है, जिससे दर्द और शेप ख़राब होता है।
• शरीर का वज़न बढ़ने-घटने से ब्रेस्ट का शेप बिगड़ जाता है।

एक्सप्लांट सर्जरी कितनी जटिल होती है?
इम्प्लांट डालने से कहीं ज़्यादा मुश्किल निकालना होता है क्योंकि 10-15 साल में इम्प्लांट शरीर के टिश्यू से चिपक जाते हैं। पूरे कैप्सूल (स्कार टिश्यू) को भी निकालना पड़ता है, इसे “एन-ब्लॉक कैप्सुलेक्टॉमी” कहते हैं। सर्जरी 2-4 घंटे तक चलती है और लागत 1.5 से 3 लाख रुपये तक आती है।

अर्चना की कहानी का अंत
इम्प्लांट हटवाने के बाद अर्चना का बैक पेन, कंधे का दर्द ग़ायब हो गया। वे अब पेट के बल सो सकती हैं, मालिश करवा सकती हैं और सबसे बड़ी बात, कैंसर का डर खत्म हो गया। वे कहती हैं,
“मैंने सोचा था ख़ूबसूरती बाहर से आएगी, लेकिन असली ख़ूबसूरती और आत्मविश्वास भीतर से आता है। अब मैं ढीले-ढाले कपड़े नहीं पहनती छिपने के लिए, बल्कि आराम के लिए पहनती हूँ और ख़ुश हूँ।”

आज बहुत सी महिलाएँ सोशल मीडिया पर #BreastImplantIllness और #Explant हैशटैग के साथ अपनी कहानियाँ शेयर कर रही हैं और दूसरी महिलाओं को चेतावनी दे रही हैं कि इम्प्लांट करवाने से पहले सारे रिस्क अच्छे से समझ लें। क्योंकि जो चीज़ आत्मविश्वास देने आई थी, वह कई बार ज़िंदगी भर का दर्द और डर बन जाती है।

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