Breaking News: आमतौर पर नोएडा प्राधिकरण में यदि आपको अपना कोई काम करना है और काम बिल्कुल सही है तो ऐसा हो सकता है कि आपके चक्कर काट काट कर जूते घिस जाए लेकिन कम तब भी ना हो लेकिन आप फर्जीवाड़ा कर रहे हैं और प्राधिकरण के कर्मचारी और अधिकारियों से मिली-भगत है तो हो सकता है कि दूसरे की प्रॉपर्टी भी आप किसी दूसरे को बेच दें और यह काम बहुत आसानी से हो जाएगा ऐसा ही मामला सामने आया है।
जहां किसी की फैक्ट्री किसी ने बेची और फिर बदमाश खाली करने के लिए फैक्ट्री पर पहुंच गए। मालिक को पता चला कि फैक्ट्री तो मैंने बची नहीं मगर ट्रांसफर मेमोरेंडम और रजिस्ट्री कैसे हो गई। इस पूरे प्रकरण में तथ्य ये भी सामने आया है कि रजिस्ट्री कराते वक्त भूखंड अंावटन की जो तिथि दर्शायी गई है वो भी गलत है। रजिस्ट्री करने वाला व्यक्ति मेरठ का रहने वाला शोकीन है जबकि दोनो हकदारों में कोई शोकिन नाम का व्यक्ति नही है।
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बता दें की यह मामला सेक्टर 2 के डी 86 का है। इस फैक्ट्री का मालिक मर चुका है। उनकी दो पत्नियों थी। दोनों पत्नियों की संतानों में वारिसों को लेकर विवाद चल रहा है। एक पक्ष पुरानी दिल्ली में तो दूसरा पक्ष पंजाब में रहता है। इस फैक्ट्री को लेकर दोनों में करीब 15 साल से विवाद चल रहा है। इस विवाद से तंग आकर 2018 में प्राधिकरण ने यह कहकर फाइल बंद कर दी थी कि अदालत जो भी आदेश करेगी उसी का पालन किया जाएगा। तब तक इस फाइल में कोई कार्रवाई न की जाए। तब से ही कुछ दलाल प्रवृत्ति के लोग और फर्जी लोग इस फैक्ट्री की खरीद फरोत की कोशिश कर रहे थे। अब एक अमित गोयल के नाम से फर्जी टीएम किया गया और फिर रजिढटी भी कर दी। फिलहाल पता लगाया जा रहा है ये फर्जीवाडा कैसे हुआ। क्या इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएंगी।