Board Meeting: महापौर पर पार्षद ने लगाया आरोप, बोलीं- ‘गर्दन अलग कर दूंगीं… बर्दाश्त नहीं करूंगीं’

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Board Meeting: गाजियाबाद। नगर निगम की बोर्ड बैठक में मंगलवार दोपहर को जबरदस्त हंगामा देखने को मिला है। भाजपा पार्षद सचिन डागर ने महापौर को संबोधित करते हुए कहा कि एक तरफ वह नगर निगम की जमीन पर बने हुए मकानों को तोड़ने का काम करती हैं तो दूसरी तरफ उन भूमाफिया को थाने से छोड़ने के लिए फोन करती हैं, जिनको वह पकड़वाकर थाने लाए।

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भाजपा पार्षद ने आरोप लगाया कि भूमाफिया ने पार्क की जमीन पर सड़क का निर्माण कार्य करा लिया है, पूछने पर कहते हैं कि इसकी एवज में 30 लाख रुपए दिए हैं। इस पर महापौर सुनीता दयाल को गुस्सा आ गया, उन्होंने कहा कि 40 साल की तपस्या से मैंने यह मुकाम पाया है, कहीं भी भ्रष्टाचार नहीं किया है। मेरी तरफ जो अंगुली उठेगी उसे काट दूंगी।
पार्षद ने कहा कि भ्रष्टाचार का आरोप आप पर नहीं है, किसी ने 30 लाख रुपए लिए हैं, यह बात कह रहा हूं तो महापौर ने कहा कि बेटा, गर्दन अलग कर दूंगी। झूठे आरोप बर्दाश्त नहीं करूंगी। जिस पार्क की जमीन की बात है, वह राजेंद्र नगर औद्योगिक क्षेत्र में है। उसी रास्ते से लोग पहले से आते- जाते हैं, सड़क बनवाने की मांग लेकर लोग मेरे पास आए थे। सांसद वीके सिंह का भी फोन समस्या का समाधान कराने के लिए आया था। मैंने संपत्ति विभाग के अधिकारियों से जानकारी की तो कच्चा रास्ता बताया गया, जिसे अब लोगों ने पक्का किया है।

पार्टी को मामले से कराया जाएगा अवगत

महापौर ने कहा कि जब मुझे पता चला कि रास्ते का निर्माण होने पर गलत तरीके से लोगों पर पुलिस कार्रवाई कर रही है तो फोन कर कहा था कि किसी के खिलाफ गलत कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। यदि ज्यादा जमीन पर रास्ता बना है तो उसकी जांच कराई जाएगी, लेकिन जिस तरह से आरोप मुझ पर लगाया गया है, इस संबंध में शासन के साथ ही पार्टी को भी पत्र लिखूंगी। यह बर्दाश्त नहीं करूंगी।

आरोप झूठा मिला तो त्यागपत्र दे दूंगा: सचिन डागर

पार्षद सचिन डागर ने कहा कि उनका आरोप सही है, पार्क की जमीन पर गलत तरीके से रास्ता बनाया गया है, यदि आरोप झूठा मिला तो त्यागपत्र दे दूंगा। उन्होंने राजेंद्र नगर इंडस्ट्रियल एरिया में जमीन पर पार्क होने का नक्शा भी महापौर सुनीता दयाल और नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह को दिखाया। नगर आयुक्त ने कहा कि पार्क की जमीन पर रास्ता बनवाने की एवज में रिश्वत लेने का का कोई साक्ष्य है तो उसे दिखाएं, बिना साक्ष्य के इस तरह के आरोप न लगाएं।

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नगर निगम की दुकानों का किराया बढ़ा

लगभग पांच साल से नगर निगम की दुकानों का किराया बढ़ाने को लेकर हर बोर्ड बैठक में चर्चा होती रही, लेकिन मंगलवार को यह प्रस्ताव भी पास हो गया है। अब नगर निगम की दुकानों का किराया 4,000 रुपये से 16,000 रुपये तक स्थान के आधार पर तय किया गया है। इस संबंध में एक कमेटी बनाई गई थी, जिसने दुकानों का किराया तय किया है।
सदन में पार्षद राजीव शर्मा, नीरज गोयल ने दुकानों का किराया बढ़ाने का विरोध किया, लेकिन ज्यादातर पार्षद इसके पक्ष में रहे। इससे पहले दुकानदारों ने नगर निगम कार्यालय जाकर अपना विरोध जताया, हालांकि पुलिस की सख्ती के कारण दुकानदारों को नगर निगम कार्यालय के अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली।

ट्रेड लाइसेंस शुल्क के लिए बनेगा बायलाज
नगर निगम अब जिम, ब्यूटी पार्लर, कोचिंग संस्थान, स्पा सेंटर, चार्टर्ड अकाउंट कार्यालय, ज्वैलरी शोरूम, कपड़ा शोरूम, जूतों के शोरूम, स्पोर्टस एकेडमी से भी ट्रेड लाइसेंस शुल्क वसूलने की तैयारी में है, इसके लिए बायलाज बनाने का प्रस्ताव भी पास हो गया है। बायलाज बनने के बाद ट्रेड लाइसेंस शुल्क वसूलने को लेकर प्रस्ताव सदन में लाया जाएगा, सदन की मंजूरी मिलने के बाद ट्रेड लाइसेंस शुल्क वसूला जाएगा।

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मंत्री को आठ गेट बनवाने के लिए एनओसी नहीं
राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप की ओर से शहर में आठ स्थानों पर गेट बनवाने का प्रस्ताव भी एजेंडे में शामिल कराया गया था, वह इन गेटों का निर्माण कार्य विधायक निधि से कराना चाहते हैं। इस वजह से उन्होंने नगर निगम से एनओसी की मांग की थी। इस पर महापौर ने कहा कि गेट बनाने का कार्य नगर निगम करेगा, इसके लिए एनओसी जारी नहीं की जाएगी। विधायक निधि का इस्तेमाल सड़क सहित अन्य कार्य कराने में मंत्री कर सकते हैं।

नगर निगम का पुनरीक्षित बजट
बोर्ड बैठक में 1,684 करोड़ रुपए का पुनरीक्षित बजट पेश किया गया, जो कि वित्तीय वर्ष 2022 – 23 के वास्तविक बजट से 490 करोड़ रुपए अधिक है।

वास्तविक आय 2022 – 23 – प्रस्तावित आय 2023- 24 – पुनरीक्षित
1,194 करोड़ रुपये – 1,571 करोड़ रुपए – 1,683 करोड़ रुपए
वास्तविक व्यय 2022 – 23 – प्रस्तावित व्यय 2023- 24 – पुनरीक्षित
1,194 करोड़ रुपये – 1,571 करोड़ रुपए – 1,683 करोड़ रुपये

नगरायुक्त व मेयर लेंगे इंदिरापुरम हैंडओवर का फैसला
्रबोर्ड बैठक में इंदिरापुरम के जल्द ही हैंडओवर की आस जगी है, लगभग 35 साल से यह मांग इंदिरापुरम के लोग कर रहे हैं। बोर्ड बैठक में महापौर ने बताया कि इंदिरापुरम के हैंडओवर के मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी वार्ता हुई थी, उन्होंने जीडीए को विकास कार्य कराकर देने के लिए कहा है।
जीडीए की ओर से फंड की कमी बताई जा रही है, इस वजह इंदिरापुरम हैंडओवर नही हो पा रहा है। मंडलायुक्त के साथ बैठक होनी है, सभी लोग चाहते हैं कि इंदिरापुरम नगर निगम के हैंडओवर हो, लेकिन नगर निगम को यह भी देखना है कि उस पर अतिरिक्त भार न पड़े, इस वजह से प्रयास किया जाएगा कि जीडीए आवश्यक कार्य कराए।

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