पडलकर ने अपने भाषण में कहा, “आप नहीं जानतीं कि यह कितनी बड़ी साजिश है। बेहतर होगा कि आप घर पर ही योग करें या एक्सरसाइज करें। जिम जाने की कोई जरूरत नहीं है।” उन्होंने आगे जोड़ा कि जिम ट्रेनर हिंदू है या मुसलमान, इसका पता नहीं चलता, और ऐसी जगहों से हिंदू लड़कियों को दूर रहना चाहिए क्योंकि वे उन्हें फंसा रहे हैं। विधायक ने कॉलेज कैंपस में आने वाले युवकों की पहचान जांचने पर भी जोर दिया और कहा कि अज्ञात व्यक्तियों को प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए ताकि एक ‘मजबूत रोकथाम’ तंत्र बनाया जा सके।
यह बयान महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर दिया गया लगता है, लेकिन इसमें साम्प्रदायिक रंग प्रमुख है। पडलकर ने बिना किसी विशेष समुदाय का नाम लिए इशारा किया कि हिंदू लड़कियों को लुभाने और धोखा देने की साजिश चल रही है। उन्होंने सलाह दी कि घर पर लड़कियों को काउंसलिंग की जाए और जिम ट्रेनरों की पृष्ठभूमि की जांच की जाए।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस बयान पर महाराष्ट्र में राजनीतिक बवाल मच गया है। विपक्षी दलों जैसे कांग्रेस और एनसीपी ने इसे साम्प्रदायिक और महिलाओं की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। एनसीपी नेता ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर किसी समुदाय को निशाना बनाना अनुचित है। वहीं, बीजेपी के कुछ नेताओं ने इसे पडलकर की व्यक्तिगत राय करार दिया और स्पष्ट किया कि यह पार्टी की आधिकारिक नीति नहीं है।
सोशल मीडिया पर भी इस बयान की आलोचना हो रही है। कई यूजर्स ने इसे रूढ़िवादी और महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन बताया है। हालांकि, कुछ ने सुरक्षा के लिहाज से इस सलाह का समर्थन किया है।
पडलकर इससे पहले भी विवादित बयानों के लिए चर्चा में रह चुके हैं। यह घटना महाराष्ट्र में आगामी चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक बहस को और तेज कर सकती है।

