Delhi Water Board में 73,000 करोड़ के घाटे पर भाजपा ने सरकार से मांगा जवाब

Delhi Water Board:

Delhi Water Board: नई दिल्ली। दिल्ली के कई इलाकों में व्याप्त जल संकट के बीच प्रदेश भाजपा ने आरोप लगाया कि जो दिल्ली जल बोर्ड कभी 600 करोड़ का मुनाफा देता था, वो आज 73,000 करोड़ के घाटे में कैसे चला गया। इसका जवाब दिल्ली सरकार को देना होगा। दिल्ली में जल वितरण का नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हो चुका है। इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन वाटर स्टोरेज सिस्टम सब चरमरा रहा है, खस्ताहाल है, जो लगभग 52 प्रतिशत पानी को बर्बाद कर रहा है। पाइपों की मरम्मत करानी चाहिए लेकिन इस सरकार ने मुफ्त में पानी देने का वादा कर जनता के साथ जो छल किया वो पीड़ादायक है।

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यहां गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि दिल्ली में जल संकट नहीं है। असल में दिल्ली में एक ओर जल वितरण के लिए समर एक्शन प्लान का अभाव है और दूसरी ओर सरकार वॉटर लीकेज से होने वाली बर्बादी को रोकने में असमर्थ रही है। बांसुरी स्वराज ने कहा की भाजपा लगातार कहती रही है कि दिल्ली को सभी स्रोतों से एग्रीमेंट के अनुसार पूरा पानी मिल रहा है। यदि किसी भी कारण से सरकार को दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी चाहिए तो उसे या आपसी बातचीत से पड़ोसी राज्यों से लेना होगा या फिर यमुना नदी बोर्ड से मांगना होगा।

बांसुरी स्वराज ने कहा कि दिल्ली की जल चोरी एवं बर्बादी रोकने में असफल केजरीवाल सरकार ने खुद की गलतियों का ठीकरा पड़ोसी राज्यों पर फोड़ने का प्रयास किया और मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी ले गई। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी एक ओर लगातार कहती रहीं की हिमाचल प्रदेश हमें अतिरिक्त जल देना चाहता है और दूसरी ओर हरियाणा पर पूरा जल नहीं देने का आरोप लगाती रहीं।

सांसद बांसुरी स्वराज ने बताया कि आज केजरीवाल सरकार और उसकी मंत्री आतिशी की पोल पूरी तरह खुल गई जब सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश सरकार ने कहा हमारे पास कोई अतिरिक्त जल नहीं है। हरियाणा ने भी कोर्ट को संतुष्ट किया कि वह पूरा जल दिल्ली को दे रहा है। हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा राज्यों के तर्क सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई की आखिर क्यों वह 2019 से हर गर्मी में सुप्रीम कोर्ट आती है। जल आवंटन समस्या का समाधान तो पड़ोसी राज्यों से बातचीत अथवा यमुना जल बोर्ड से बात करने से ही निकल सकता है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह कहना कि अगर दिल्ली सरकार टैंकर चोरी नहीं रोक सकती तो हम इसे दिल्ली पुलिस को सौंप देते हैं, यह केजरीवाल सरकार पर तमाचा है। कोर्ट ने तुरंत यमुना जल बोर्ड जाने के निर्देश के साथ दिल्ली सरकार की याचिका का निपटारा कर दिया। बांसुरी स्वराज ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद आतिशी एवं पूरी केजरीवाल सरकार की ओछी राजनीति की पोल खुल गई है। स्वराज ने कहा कि अब यह स्पष्ट है कि मंत्री आतिशी केवल ओछी राजनीति करती रही हैं।

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