महिला आशा माने (@ashamane_) ने इंस्टाग्राम पर इस अनुभव को वीडियो के साथ शेयर किया, जो महज कुछ दिनों में 2.8 लाख व्यूज और 50 हजार लाइक्स हासिल कर चुका है। आशा ने लिखा, “मैंने सोचा था कि यह राइड भी बाकी रैपिडो राइड्स जैसी ही होगी, लेकिन यह एक ऐसी कहानी बन गई जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगी।” वीडियो में वे बताती हैं कि कैप्टन ने कहा, “टेंशन मत लो, मैं ठीक कर लूंगा।” 10 मिनट से कम समय में चेन जोड़ दी गई, बिना किसी शिकायत या गुस्से के। आशा ने इसे ‘टीमवर्क’ का नाम दिया, जहां वे फोन की टॉर्च जलाकर कैप्टन की मदद करती रहीं।
यह घटना 17 नवंबर की है, जब आशा बेंगलुरु की सड़कों पर रात के सफर पर निकलीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कहानी महिलाओं के लिए राइड-शेयरिंग ऐप्स पर बढ़ते भरोसे को मजबूत करती है। आशा ने पोस्ट में रैपिडो ऐप को टैग करते हुए लिखा, “ऐसे कैप्टन्स की सराहना होनी चाहिए। इन्हीं की वजह से हम महिलाएं दिन-रात बेझिझक राइड ले पाती हैं।”
सोशल मीडिया पर तहलका: तारीफों और सवालों का दौर
X (पूर्व ट्विटर) पर यह स्टोरी तेजी से फैली। यूजर @Dreams_realites ने इसे शेयर करते हुए लिखा, “बुराइयों के बीच भी अच्छाई जिंदा है। क्या हमारे समाज को ऐसे ‘हीरो’ और नहीं चाहिए?” इस पोस्ट को 1,500 से ज्यादा लाइक्स और 265 रीपोस्ट मिले। इसी तरह, @jpsin1 ने वीडियो के साथ साझा किया, “क्या आपने कभी किसी अनजान पर भरोसा किया जो इंसानियत को बेमिसाल बना दे?”—यह पोस्ट 27 लाइक्स के साथ वायरल हुई।
आजतक के आधिकारिक अकाउंट @aajtak ने भी इसे कवर किया: “आधी रात का सफर, रैपिडो बाइक की चेन टूटी… सुरक्षित घर पहुंचाने की राइडर की कहानी वायरल।” यूजर्स ने कमेंट्स में कैप्टन की तारीफ की—कई ने कहा, “ऐसे इंसानों से ताकत मिलती है।” हालांकि, कुछ ने सवाल भी उठाए: “6% बैटरी में वीडियो कैसे बना लिया?” और “रैपिडो ऐसी पोस्ट पर कमेंट क्यों नहीं करता?”
रैपिडो का क्या कहना?
रैपिडो ऐप ने अभी तक इस पोस्ट पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन कंपनी की ओर से महिलाओं की सुरक्षा पर जोर दिया जाता रहा है। हाल ही में बेंगलुरु में ही एक नेगेटिव घटना सामने आई थी, जहां एक रैपिडो ड्राइवर पर छेड़खानी का आरोप लगा। पुलिस ने केस दर्ज किया, लेकिन यह पॉजिटिव स्टोरी ने ऐप की इमेज को मजबूत किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी कहानियां राइडर्स को प्रोत्साहित करती हैं और ऐप्स को बेहतर नीतियां बनाने के लिए मजबूर करती हैं।
यह वायरल स्टोरी न सिर्फ एक कैप्टन की इंसानियत की मिसाल है, बल्कि महिलाओं के लिए रात के सफर को सुरक्षित बनाने की याद दिलाती है। आशा की तरह, कई यूजर्स ने अपने पर्सनल एक्सपीरियंस शेयर किए—कुछ ने कहा, “मुंबई में ट्रैफिक जाम में ड्राइवर ने पानी खिलाया।” क्या आपके साथ भी ऐसा अनुभव हुआ है? कमेंट्स में बताएं।

