बिहार की संस्कृति, सभ्यता ने हमेशा दिशा दिखाई:राधामोहन

बिहार की गौरवशाली संस्कृति और विकास को समर्पित ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ स्नेह मिलन समारोह
ghaziabad news   सांसद, सभापति रक्षा स्थाई समिति, पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार राधा मोहन सिंह ने बिहार दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को अनंत रॉयल डायमंड फॉर्म हाउस कनावनी में बिहार की गौरवशाली संस्कृति और विकास को समर्पित ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ स्नेह मिलन समरोह का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि बिहार की समृद्ध संस्कृति, सभ्यता और ज्ञान ने हमेशा देश को दिशा दिखाई है। हमारा सौभाग्य है कि हमने बिहार की पुण्य धरा पर जन्म लिया है और यह हम सभी के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि आज सम्पूर्ण देश बड़ी धूमधाम से बिहार की स्थापना के उत्सव को मना रहा है और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोग बिहार की सांस्कृतिक विविधता से परिचित हो रहे हैं।
मैं उत्तर प्रदेश का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ, जिसने प्रवासी बिहारी भाइयों और बहनों को अपने सपनों को साकार करने का अवसर और एक सशक्त मंच प्रदान किया।
गाजियाबाद की भूमि ने उन्हें कर्मभूमि दी, तो बिहार ने उन्हें संस्कार, मेहनत और जज्बे की पहचान सौंपी। यह आपके खुले दिल और स्वीकार्यता का ही परिणाम है कि बिहारी प्रवासी अपनी प्रतिभा और परिश्रम से आपकी प्रगति में योगदान दे रहे हैं।
आप जहां भी हैं, बिहार की मिट्टी से आपका नाता अटूट है। इस बिहार दिवस पर, हम आपको याद दिलाना चाहते हैं कि आप न केवल अपने प्रदेश के गौरवशाली अतीत का हिस्सा हैं. बल्कि उसके उज्ज्वल भविष्य के भी सृजनकर्ता हैं।

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बिहार की धरती ने दुनिया को ज्ञान के केंद्र दिए
उन्होंने कहा कि बिहार की धरती ने दुनिया को नालंदा और विक्रमशिला जैसे ज्ञान के केंद्र दिए। यह वहीं बिहार है जहां चाणक्य की बुद्धिमत्ता और सम्राट अशोक की दूरदर्शिता ने भारत को दिशा दी। बोधगया में भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ और गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मभूमि ने हमें एक नई ऊर्जा दी। इस बिहार दिवस पर, मैं आप सबसे दिल से एक बात कहना चाहता हूँ। आप बिहार से दूर हो सकते हैं, लेकिन बिहार आपसे कभी दूर नहीं हुआ। आपके सपनों में, आपकी बोली में, आपके संस्कारों में: हर जगह बिहार जिंदा है। जब आप अपने बच्चों को “लिट्टी-चोखा” या मखाना खीर का स्वाद चखाते हैं, जब छठ के समय सूर्य को अर्घ्य देने का समय आता है, जब अपने शहर-गाँव की गलियों की याद आती है। तब आपको महसूस होता है कि बिहार सिर्फ एक जगह नहीं, एक जज्बा है, एक पहचान है। यह भी सच है कि एक समय बिहार अराजकता, अपराध और पिछड़ेपन का शिकार हो गया था। राजद के कुशासन के दौर में बिहार में न गुड गवर्नेस था न ही कानून का राज। अपराध, अपहरण और जातीय हिंसा बिहार की पहचान बन चुकी थी। निवेशक बिहार का नाम सुनकर ही भाग जाते थे, और उद्योग-व्यापार ठप हो गया था।

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बिहार के गौरव की पुनर्स्थापना के संकल्प के साथ 2005 में सत्ता में आए एनडीए के कुशल नेतृत्व में बिहार बजट का आकार 13.27 गुना बढ़ चुका है। वित्त वर्ष 2004-05 में बिहार बजट का आकार 23,885 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2025-26 में 3,16,895 करोड़ रुपए हो चुका है। जबकि बिहार के विकास की राह में वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता के साथ-साथ कई भौगोलिक चुनौतियां भी थीं। देश का सिर्फ 2.86 प्रतिशत भूभाग बिहार में है, जबकि यहां देश की 8.6 प्रतिशत आबादी रहती है।
समारोह में यह रहे मौजूद
इस मौके पर महापौर सुनीता दयाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधा मोहन सिंह, अतुल गर्ग सांसद गाजियाबाद, सत्येंद्र सिसोदिया क्षेत्रीय अध्यक्ष,नरेंद्र कश्यप मंत्री स्वतंत्र प्रभार ,पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल, पूर्व राज्य सभा सांसद अनिल अग्रवाल, सदर गाजियाबाद विधायक संजीव शर्मा, क्षेत्रीय महामंत्री हरीश ठाकुर, महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल, पूर्व मेयर आशु वर्मा,सरदार एसपी सिंह ,पूर्व विधायक रूप चौधरी बलदेव राज शर्मा, कृष्ण वीर सिरोही ,जगदीश साधना, रीना भाटी, मानसिंह गोस्वामी, अजय शर्मा, डीएम सिंह प्रदीप चौधरी, राजेश्वर प्रसाद,पार्षद मदन राय ,पार्षद पूनम सिंह ,पार्षद संजय सिंह मौजूद रहे।

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