Bihar News: बिहार में यूटूबर के खिलाफ एफ़आइआर, मुस्लिम वोटरों को परेशान किए जाने का “झूठा दावा” लगा आरोप

Bihar News: बिहार के बेगूसराय जिले में स्वतंत्र पत्रकार और यूट्यूबर अजीत अंजुम के खिलाफ एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। यह मामला विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) कार्यक्रम के तहत मतदाता सूची संशोधन की उनकी हालिया रिपोर्टिंग से मामला जुड़ा हुआ है। अंजुम पर आरोप है कि उन्होंने अपनी रिपोर्टिंग के जरिए गलत सूचना फैलाई और सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश की।
12 जुलाई 2025 को अजीत अंजुम और उनकी टीम ने बेगूसराय के बलिया प्रखंड में मतदाता सूची संशोधन की प्रक्रिया की ग्राउंड रिपोर्टिंग की थी। इस दौरान उन्होंने बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) मोहम्मद अंसारुल हक से मुलाकात की और उनसे मतदाता सूची में मुस्लिम वोटरों से संबंधित सवाल पूछे गए। हक की शिकायत के आधार पर 13 जुलाई को बलिया पुलिस स्टेशन में अंजुम के खिलाफ FIR दर्ज की गई। शिकायत में आरोप लगाया गया कि अंजुम ने मुस्लिम वोटरों को परेशान किए जाने का “झूठा दावा” किया और अफ़वाह फैलाने की कोशिश की, जिसके चलते सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है।
FIR में भारतीय दंड संहिता (BNS) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of People Act) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। स्थानीय प्रशासन ने दावा किया कि अंजुम और उनकी टीम ने अनधिकृत रूप से ब्लॉक सभागार में प्रवेश किया और सरकारी कार्य में बाधा डाली।
अजीत अंजुम ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पत्रकारिता पर हमला बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “बेगूसराय के एक मुस्लिम BLO को मेरे खिलाफ मोहरा बनाया गया है। मेरे 40 मिनट के वीडियो में ऐसा कुछ नहीं है, जो FIR में कहा गया है।” अंजुम ने अपनी रिपोर्टिंग को “निष्पक्ष और तथ्यपूर्ण” करार देते हुए चुनाव आयोग को चुनौती दी कि वह उनकी रिपोर्ट को झूठा साबित करके दिखाए। उन्होंने यह भी दावा किया कि स्थानीय BDO और SDM ने उनकी रिपोर्ट को प्रकाशित होने से रोकने की कोशिश की है।
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने अंजुम के समर्थन में आवाज उठाई और लिखा, “चुनाव आयोग का नाम अब FIR आयोग कर देना चाहिए। अजीत अंजुम ने जो सवाल उठाए हैं, उनका जवाब आयोग को देना चाहिए।”
बेगूसराय के पुलिस अधीक्षक (SP) ने FIR की पुष्टि की और कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी थी। उन्होंने अंजुम के दावों को “निराधार” बताया और कहा कि उनकी रिपोर्टिंग से सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता था। प्रशासन ने दावा किया कि मतदाता सूची संशोधन का कार्य चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार हो रहा है।

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम बिहार में मतदाता सूची को अद्यतन करने और अनियमितताओं को दूर करने के लिए चलाया जा रहा है। अंजुम ने अपनी यूट्यूब सीरीज में इस प्रक्रिया में खामियों को उजागर करने का दावा किया, जिसमें अधूरे फॉर्म जमा करना और नियमों का उल्लंघन जैसे मामले शामिल है। उनके वीडियो में कई सवाल उठाए गए, जिनका जवाब देने के बजाय प्रशासन ने कानूनी कार्रवाई का रास्ता चुना।

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