बिहार: ट्रेन में मासूम के छाती पर रक्खा हाथ, वायरल वीडियो ने मचाया हड़कंप; आरोपी नौकरी से बर्खास्त, अभी भी गिरफ्तारी का इंतजार

Bihar/Gopalganj News: बिहार की एक ट्रेन में करीब 10 साल की मासूम बच्ची के साथ हुई दिल दहला देने वाली यौन शोषण की घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने इस घटना को सुर्खियों में ला दिया है, जिसमें आरोपी शशि भूषण उपाध्याय को बच्ची के बगल में बैठे हुए उसके शरीर को छूने की कोशिश करते देखा जा सकता है। बच्ची डर के मारे अपनी मां से सट जाती है, लेकिन आरोपी को न शर्म आती है न भय। जब उसे पता चलता है कि घटना कैमरे में कैद हो गई है, तो वह भागने लगता है, लेकिन सतर्क यात्रियों ने उसे मौके पर ही पकड़ लिया।

घटना बिहार के गोपालगंज जिले से जुड़ी बताई जा रही है। वीडियो में दिख रहा आरोपी शशि भूषण उपाध्याय गोपालगंज के ही रहने वाले हैं और केके बिड़ला ग्रुप की ‘मगध शुगर एंड एनर्जी लिमिटेड’ में एचआर मैनेजर के पद पर तैनात थे। वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद कंपनी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया। कंपनी के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि ऐसी घटनाओं के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाती है और आरोपी को तत्काल सेवा से हटा दिया गया है।

ट्रेन के जनरल कोच में हुई इस घटना का वीडियो एक्स (पूर्व ट्विटर) पर ‘deshtalk28’ और ‘टीम साथ ऑफिशियल’ जैसे अकाउंट्स ने शेयर किया, जिसके बाद यह तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि खाली सीट होने के बावजूद आरोपी जानबूझकर महिलाओं और बच्चों की सीट के पास आकर बैठता है और बच्ची के प्राइवेट पार्ट्स पर अपनी कोहनी से दबाव बनाता है। बच्ची असहज होकर हटने की कोशिश करती है, लेकिन आरोपी पीछा नहीं छोड़ता। अन्य यात्रियों ने हस्तक्षेप कर आरोपी को रोका और वीडियो बनाया।

गोपालगंज पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर सेल को जांच सौंप दी है। एसपी ने बताया कि वीडियो के आधार पर आरोपी की पहचान हो चुकी है और गिरफ्तारी की प्रक्रिया चल रही है। पुलिस ने पीड़ित परिवार से संपर्क कर बयान दर्ज करने की कोशिश की है, लेकिन फिलहाल बच्ची और उसके परिवार की पहचान गोपनीय रखी गई है। सोशल मीडिया पर #ArrestShashiBhushanUpadhyay जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जहां लोग कठोर सजा की मांग कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “ऐसे हैवानों को समाज से साफ संदेश देना जरूरी है, ताकि भविष्य में कोई ऐसा कृत्य न करे।”

यह घटना भारतीय रेलवे में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने और आरआरबी (रेलवे रिजर्वेशन बिलेट) के माध्यम से संदिग्ध व्यवहार की निगरानी जरूरी है। राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार से रिपोर्ट मांगी है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है, जबकि सत्ताधारी दल ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

यह घटना समाज को झकझोर रही है, जहां एक मासूम की सुरक्षा तक खतरे में पड़ रही है। उम्मीद है कि आरोपी को जल्द सलाखों के पीछे डाला जाएगा और ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी।

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