दूसरी ओर, RJD के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव के घर पुरानी रेड का मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है, जो पार्टी के लिए नई मुसीबत बन सकता है।
परिवार में फूट: तेजस्वी vs तेजप्रताप की सीधी टक्कर महुआ में
बिहार चुनाव के पहले चरण के मतदान (6 नवंबर) से ठीक पहले RJD में आंतरिक कलह ने जोर पकड़ लिया है। तेजस्वी यादव, जो राघोपुर से अपनी सीट बचाने के साथ-साथ पूरे महागठबंधन की कमान संभाल रहे हैं, अब महुआ विधानसभा क्षेत्र में उतरेंगे।
यहां RJD ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन तेजप्रताप ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैदान संभाल लिया है। सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी का यह प्रचार भाई के खिलाफ सीधा हमला होगा, जिसमें वे पार्टी लाइन पर जोर देकर बागी नेताओं को सबक सिखाने की कोशिश करेंगे।
तेजप्रताप को RJD से निष्कासित किए जाने के बाद उनकी बगावत ने लालू परिवार को दो फाड़ कर दिया है। महुआ सीट पर यह मुकाबला न सिर्फ पारिवारिक सम्मान की लड़ाई बनेगा, बल्कि RJD की एकजुटता पर भी सवाल खड़े करेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेजप्रताप की नई पार्टी युवा वोटरों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन तेजस्वी की संगठनात्मक ताकत भारी पड़ सकती है।
रोहिणी का साथ: ‘आशीर्वाद’ ने तेजस्वी को चुभा दिया
सिंगापुर से बिहार पहुंची रोहिणी आचार्य ने तेजप्रताप के नामांकन पर सोशल मीडिया एक्स पर खुली बधाई दी है। उन्होंने लिखा, “अपने छोटे भाई को आशीर्वाद।” रोहिणी, जो कभी सक्रिय राजनीति से दूर रहीं, अब RJD के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल हैं, लेकिन उनका यह बयान तेजस्वी के लिए झटका है। पहले भी रोहिणी ने तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे और परिवार में पसंदीदा बनने की होड़ का इशारा किया था।
हाल ही में रोहिणी ने भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव को ‘नचनिया’ कहने वाले BJP के बयानों पर पलटवार किया था। उन्होंने कहा, “अपनी पार्टी में देखिए, जहां भाई-भाई की लड़ाई हो रही है।” यह बयान सीधे तौर पर तेजप्रताप को समर्थन के रूप में देखा जा रहा है। रोहिणी की इस मुखरता से RJD में खलबली मच गई है, और तेजस्वी समर्थक इसे परिवारिक साजिश बता रहे हैं।
रीतलाल के घर रेड: पुराना कांड, नई राजनीतिक साजिश?
RJD के दानापुर से बाहुबली विधायक रीतलाल यादव का नाम इस पूरे घमासान से कैसे जुड़ा? अप्रैल 2025 में पटना पुलिस और STF ने रीतलाल के 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 10.5 लाख रुपये नकद, 77 लाख के ब्लैंक चेक, वाकी-टॉकी, पेन ड्राइव और जमीन के कागजात बरामद हुए थे। यह कार्रवाई रंगदारी, धमकी और एक ठेकेदार की हत्या से जुड़े मामले में हुई थी। रीतलाल ने इसे ‘चुनावी साजिश’ बताते हुए एक्स पर पोस्ट किया था कि बिना वारंट के 1000-1500 पुलिसकर्मी उनके घर घुसे। बाद में वे सरेंडर कर जमानत पर बाहर आए।
अब चुनावी माहौल में यह पुराना मामला फिर गरमाया है। RJD ने हाल ही में 27 बागी नेताओं को निष्कासित किया, जिसमें रीतलाल का नाम नहीं है, लेकिन विपक्ष (BJP-JDU) इसे भुनाने की कोशिश कर रहा है। BJP प्रवक्ता अमित मालवीय ने तंज कसा, “RJD में 37 नेता बाहर हो चुके, जल्द पार्टी खाली हो जाएगी।” रीतलाल, जो लालू के करीबी माने जाते हैं, तेजस्वी के नजदीक भी हैं, लेकिन उनकी छवि बाहुबली की वजह से विवादास्पद बनी हुई है। कुछ रिपोर्ट्स में उनका नाम तेजप्रताप के समर्थन में भी जोड़ा जा रहा है, जो पार्टी के लिए दोहरी मार है।
RJD की सफाई: बागियों पर सख्ती, लेकिन परिवारिक कलह पर चुप्पी
RJD ने बागावत पर कड़ा रुख अपनाते हुए 27 नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया, जिसमें परसा के विधायक छोटे लाल राय और महिला मोर्चा अध्यक्ष रितु जायसवाल शामिल हैं। परसा सीट पर तेजप्रताप की साली डॉ. करिश्मा राय लड़ रही हैं, जो इस कार्रवाई से प्रभावित हुई है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने कहा, “पार्टी विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” लेकिन परिवारिक फूट पर चुप्पी साधे हुए हैं।
तेजस्वी ने दिल्ली में सीट शेयरिंग पर चर्चा के दौरान कार्यकर्ताओं के घेराव का सामना किया, जहां मसौढ़ी विधायक रेखा देवी के खिलाफ नारेबाजी हुई। तेजस्वी ने वादा किया कि बागियों को सबक सिखाया जाएगा। महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-VIP) 143 सीटों पर लड़ रहा है, लेकिन आंतरिक कलह NDA (BJP-JDU) के लिए वरदान साबित हो रही है।
क्या होगा असर?
यह भाई-भाई की जंग बिहार चुनाव का टर्निंग पॉइंट बन सकती है। महुआ और राघोपुर जैसी सीटें लालू परिवार के भविष्य को तय करेंगी। तेजस्वी अगर मजबूत दिखे, तो RJD की कमान पक्की, वरना परिवारिक दरारें गठबंधन को कमजोर करेंगी। रोहिणी का रुख और रीतलाल जैसे बाहुबलियों की भूमिका निगरानी के केंद्र में है। मतदाता अब देख रहे हैं कि क्या लालू का ‘राजनीतिक किला’ ढहेगा या मजबूत होगा।

