Bihar Election News: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के संस्थापक लालू प्रसाद यादव के परिवार में चल रही उथल-पुथल के बीच उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने आज महुआ विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया। तेज प्रताप अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं। इस घटना पर उनकी बहन रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक भावुक पोस्ट साझा कर उन्हें शुभकामनाएं दीं, जो परिवार की आंतरिक कलह के बीच एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
तेज प्रताप यादव, जो पहले बिहार सरकार में पर्यावरण मंत्री रह चुके हैं, को मई 2025 में आरजेडी से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाई और अब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महुआ सीट से मैदान में उतर रहे हैं। नामांकन दाखिल करने के दौरान तेज प्रताप ने कहा कि उनकी पार्टी को जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है और वे जल्द ही और उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे। उन्होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि परिवार और पार्टी में उनके साथ अन्याय हुआ है। महुआ सीट पर उनका मुकाबला आरजेडी या अन्य दलों के उम्मीदवारों से हो सकता है, जो परिवार के लिए एक नई चुनौती पेश कर रहा है।
इस बीच, रोहिणी आचार्य, जो सारण से लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं, ने तेज प्रताप के नामांकन पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा, “तुम्हें दुनिया की सारी सफलता और खुशियाँ मिलें और तुम हमेशा उजाले की तरह आगे बढ़ते रहो.. भाई.. ढेरों शुभकामनाएं.. स्नेह व आशीर्वाद।” इस पोस्ट के साथ उन्होंने एक तस्वीर भी साझा की। रोहिणी का यह कमेंट ऐसे समय में आया है जब सितंबर 2025 में परिवार में विवाद सुर्खियों में था।
उस समय रोहिणी ने सोशल मीडिया पर क्रिप्टिक पोस्ट किए थे और परिवार के सदस्यों को अनफॉलो कर दिया था, जिसके बाद तेज प्रताप ने उनकी रक्षा में ‘सुदर्शन चक्र’ जैसी चेतावनी दी थी।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में एनडीए की रिकॉर्ड जीत का दावा किया है।
वहीं, लालू परिवार की यह आंतरिक कलह आरजेडी के लिए चुनौती बन सकती है। तेज प्रताप की पार्टी जेजेडी ने हाल ही में 21 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है, जिसमें महुआ से उनका नाम शामिल है।
यह घटनाक्रम बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है, जहां परिवारवाद और आंतरिक विवाद चुनावी मुद्दे बन सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप का यह कदम यादव वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है।

