Modi’s mother’s honor News : बिहार की राजधानी पटना में आज बिहार बंद के दौरान एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं द्वारा एक महिला शिक्षक के साथ कथित तौर पर मारपीट और बदसलूकी की गई। यह घटना वीरचंद पटेल मार्ग पर उस समय हुई, जब भाजपा ने कांग्रेस की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी स्वर्गीय माता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में बिहार बंद का आह्वान किया था। इस घटना ने न केवल सामाजिक और राजनीतिक हलकों में हंगामा मचाया है, बल्कि पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए हैं।
घटना का विवरण
मिली जानकारी के अनुसार, बिहार बंद के दौरान भाजपा महिला मोर्चा की कुछ कार्यकर्ताओं ने एक महिला शिक्षक पर हमला किया और उनके साथ मारपीट की। प्रत्यक्षदर्शियों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के आधार पर, यह घटना उस समय हुई जब महिला शिक्षक सड़क पर मौजूद थीं। भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की की। चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ, लेकिन पुलिस ने शुरूआत में इस घटना को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। बाद में पुलिस ने हस्तक्षेप कर महिला शिक्षक को भीड़ से सुरक्षित निकाला।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दिख रहा है कि कुछ लोग महिला शिक्षक के साथ बदसलूकी कर रहे हैं, जबकि पुलिसकर्मी आसपास मौजूद हैं। इस वीडियो ने लोगों में आक्रोश पैदा किया है, और कई यूजर्स ने पुलिस की निष्क्रियता और महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं।
बिहार बंद का पृष्ठभूमि
बिहार बंद का आह्वान भाजपा ने कांग्रेस की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान दरभंगा में हुई एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी स्वर्गीय माता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में किया था। इस सभा में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं ने मंच से भाषण दिए थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस टिप्पणी की निंदा की थी और इसे ‘अशोभनीय’ करार दिया था। भाजपा ने इस मुद्दे को भुनाने के लिए बिहार बंद का आह्वान किया, जिसके तहत उनके कार्यकर्ताओं ने पटना सहित कई जिलों में सड़कों को जाम किया और प्रदर्शन किए।
महिला शिक्षक के साथ बदसलूकी का कारण
हालांकि, इस घटना का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, महिला शिक्षक संभवतः उस स्थान पर मौजूद थीं जहां प्रदर्शनकारी सड़क जाम कर रहे थे। कुछ प्रदर्शनकारियों ने उन्हें निशाना बनाया, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का दावा है कि यह बदसलूकी राजनीतिक विरोध का हिस्सा हो सकती है, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
इस घटना ने बिहार पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस की मौजूदगी में एक महिला के साथ बदसलूकी और मारपीट की घटना ने लोगों में रोष पैदा किया है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस घटना की तुलना पहले की घटनाओं से की, जैसे कि सीतामढ़ी में एक दलित महिला के साथ पुलिस की बर्बरता का मामला, जहां एक थानाध्यक्ष ने महिलाओं को लाठियों से पीटा था।
पटना पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है। यह भी बताया जा रहा है कि कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने बिहार की राजनीति में नया तूफान खड़ा कर दिया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे ‘भाजपा की गुंडागर्दी’ करार दिया है। उन्होंने X पर पोस्ट कर कहा कि यह घटना बिहार में कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति को एक बार फिर उजागर कर दिया है। दूसरी ओर, भाजपा ने इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने इसे व्यक्तिगत घटना बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की है।
विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और राजद, ने इस घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
सामाजिक संगठनों और जनता का रोष
महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने इसे ‘लोकतंत्र पर हमला’ बताया और कहा कि शिक्षकों के साथ इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है। उन्होंने सरकार से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा भी साफ देखा जा सकता है। कई यूजर्स ने इस घटना को ‘महिला विरोधी मानसिकता’ का प्रतीक बताया और बिहार में महिला सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, “जब पुलिस के सामने ही एक शिक्षक के साथ ऐसा व्यवहार हो सकता है, तो आम महिलाओं की सुरक्षा का क्या हाल होगा?”
निष्कर्ष
यह घटना न केवल बिहार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दिखती है कि राजनीतिक प्रदर्शनों के नाम पर हिंसा और बदसलूकी का सहारा लिया जा रहा है। महिला शिक्षक के साथ हुई इस घटना ने बिहार में महिला सुरक्षा और पुलिस की जवाबदेही को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। सरकार और प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

