शराब बंदी के बावजूद जहरीली शराब से मौत होना राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है। बिहार में जहरीली शराब से होने वाली मौतों का आंकड़ा 57 पहुंच गया है। छपरा में 53 लोगों की मृत्यु हुई और सीवान में भी 4 लोगों की मौत हो गई है। वहीं शराब बनाने में प्रयोग होने वाली स्प्रिट की सप्लाई थाने से होने का आरोप लग रहा है। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार मशरख थाने में जब्त कर रखी गई स्प्रिट गायब है। दरअसल स्प्रिट कंटेनर में रखी हुई थी और कंटेनर थाने से गायब हो चुका है। इसके सबूत के तौर पर ग्रामीणों की ओर से एक वीडियो बनाकर उत्पाद विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक को भेजा गया है।
कुछ दिन पहले मशरख पुलिस ने बड़ी संख्या में स्प्रिट के कंटेनर जब्त किए थे और इसे थाना परिसर में रखा गया था लेकिन अब ये कंटेनर गायब है। बता दें कि ज्वाइंट कमिश्नर कृष्णा पासवान और डिप्टी सेक्रेटरी निरंजन कुमार ने थाने पहुंचकर परिसर की जांच की। यहां उन्होंने ड्रम में मौजूद स्प्रिट का सैंपल जांच के लिए पटना भेज दिया है है। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चैकीदार और पुलिस की मदद से थाने से स्प्रिट की सप्लाई की गई। इससे ही शराब बनाई जाती थी। वहीं जहरीली शराब से हुई मौतों पर बिहार विधानसभा में बीजेपी समेत विपक्षी दलों ने हंगामा किया और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने 12 बजे तक विधानसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी।