यमुना प्राधिकरण के नाम पर जमकर ठगीः रहे बचकर कही आप बन न जाए शिकार!
Yamuna Authority Fraud News: यमुना प्राधिकरण के नाम पर ठगी करने वाले लोग नए नए तरीके इजात कर लोगों को शिकार बना रहे है। इस बार दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में भूखंड दिलाने के नाम पर ठगने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी अब तक करोड़ों रुपये ठग चुके है।
ठगो की पुलिस ने की ये पहचान
पुलिस ने इनकी पहचान कोसी कलां, मथुरा निवासी जगवीर सिंह और सतेंद्र नाम के रूप में हुई है। मुख्य आरोपी जगवीर लोगों से करीब आठ करोड़ रुपये ठग चुका है। आरोपियों से फर्जी अलाटमेंट लेटर भी जब्त किए गए हैं।
डीसीपी ने बताया
डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि सचिन वी शाह, नीलेश वी शाह और रमनदीप रहेजा की शिकायत पर क्राईम ब्रांच में मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ताओं ने जगवीर के कहने पर यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपर्स खाते में 3,70,20,000 रुपये स्थानांतरित किए थे। जांच में खाता वर्षा शर्मा के नाम पर और फोन नंबर, ईमेल आईडी जगवीर के नाम पर पंजीकृत मिले। आरोप है कि कागजातों की प्रतियां आवंटन पत्रों की प्रतियां व भुगतान रिकॉर्ड की जानकारी पुलिस को दी। इन आवंटन पत्रों को प्राधिकरण से सत्यापित करवाया गया तो कागजात फर्जी पाए गए। पत्र में दिए गए भूखंडों का विवरण मूल आवंटियों के नाम पर पंजीकृत था। इसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी में शामिल बैंक खातों का विवरण एकत्र किया और लेनदेन का पता लगाया।
पुलिस की इस टीम ने किया खुलासा
इसके बाद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में एसीपी/एजीएस नरेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर पवन कुमार व विकास पन्नू, एसआई अजय सिंह, अनुपमा राठी, राजा राम, कुलदीप व राजेश, एएसआई रमेश, हरिसिंह, गोबिंद और राजेश हवलदार अमित की टीम ने जांच शुरू की।इस बीच पता चला कि आरोपी रात में कोसी कलां में रहते हैं। इसके बाद मैगसन रिसॉर्ट, कोसी कलां में दबिश देकर जगवीर को पकड़ लिया गया। आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया कि कोसी कलां में ग्राहक सेवा की दुकान चलाने वाला सतेंद्र उसके निर्देश पर फर्जी दस्तावेज तैयार करता है। इसके बाद सतेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा प्राधिकरण के प्लॉट आवंटन से संबंधित जाली आवंटन पत्र और अन्य दस्तावेज तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया गया लैपटॉप भी सतेंद्र की दुकान से मिल गया।
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