Big Cyber Crime: नोएडा। नैनीताल बैंक में साइबर के माहिर लोगों ने डाका डाला है। पुनाने जमाने में हथियारों के बल पर बैंकों का पैसा लूटा जाता था। मगर अब बिना हथियार ही बैंकों से पैसा निकल रहा है। दरअसल, रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) चैनल में सेंधमारी कर 16!5 करोड़ रुपये जिन खातों में ट्रांसफर की गई है, उनमें अधिकतर खाते किराये के होने की आशंका है। पुलिस की प्राथमिक जांच में इसके कुछ इनपुट मिले हैं। एसीपी सइबर क्राइम राजीव रंजन राय ने बताया कि अब पुलिस व एजेंसियां उन खाताधारकों के बारे में पता लगा रही हैं, जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई है। इस केस की जांच में भारतीय रिजर्व बैंक की टीम समेत भारत सरकार की एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम सर्ट इन भी कर रही है।
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पुलिस के अनुसार, बैंक की आंतरिक जांच में यह बात सामने आई है कि 17 से 21 जून, 24 के बीच सिस्टम सर्वर को हैक कर खातों में कैश ट्रांसफर किया। साथ ही, आरटीजीएस सेटलमेंट से रुपये आरबीआई खाते से निकाले गए और कई बैंकों के खातों में जमा कर दिए गए। इस धोखाधड़ी से ट्रांसफर की गई रकम को वापस प्राप्त करने के लिए संबंधित बैंकों को ई-मेल भेजकर खाते फ्रीज करने के लिए कहा गया है। साथ ही, जिन अकाउट में राशि संदिग्ध तरीके से ट्रांसफर हुई है, बैंकों से उनके खाताधारकों के केवाईसी कागजातों की जांच के लिए भी कहा गया है। इस पूरे मामले में पांच फर्जी लेनदेन की कुल राशि 69,49,960 को बैंकों ने
आरबीआई से लेकर भारत सरकार की एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी भी जांच में जुटी 69,49,960 रुपये बैंकों ने फ्रीज कर वापस किए फ्रीज कर वापस कर दिया है। मामले में बैंक के सर्वर में हैकिंग की जानकारी होने के बाद बैंक के आईटी मैनेजर ने साइबर क्राइम थाने के साथ ही आरबीआई एसएसएम टीम, आरबीआई सीएसआईटीई टीम, सर्ट-इन को शिकायत दी है। अब इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। साइबर क्राइम थाना पूरे मामले की जांच रहा है।