Bengaluru News: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने हाल ही में राज्य विधानसभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की प्रार्थना “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे” की कुछ पंक्तियां गाकर सभी को चौंका दिया। यह घटना 21 अगस्त को विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान हुई, जब चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी, पर चर्चा चल रही थी। इस दौरान बीजेपी विधायक आर. अशोक ने शिवकुमार पर भगदड़ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, जिसके जवाब में उन्होंने RSS की प्रार्थना गाई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई।
शिवकुमार के इस कदम से कांग्रेस पार्टी के भीतर और बाहर विवाद खड़ा हो गया। कई कांग्रेस नेताओं ने इसे पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि के खिलाफ बताया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और एमएलसी बीके हरिप्रसाद ने शिवकुमार से माफी मांगने की मांग की, उनका कहना था कि एक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में RSS का गीत गाना उचित नहीं था। इसके अलावा, पूर्व मंत्री केएन राजन्ना ने भी शिवकुमार की निष्ठा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास नहीं करते और अंबानी की शादी जैसे आयोजनों में शामिल होते हैं, जो पार्टी लाइन के खिलाफ है।
विवाद बढ़ने पर 26 अगस्त को शिवकुमार ने सफाई दी और माफी मांगी। उन्होंने कहा, “मैं एक वफादार कांग्रेसी होने के नाते मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता। अगर मेरी टिप्पणी से कांग्रेसियों या इंडिया गठबंधन के लोगों को ठेस पहुंची है, तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका इरादा बीजेपी की “टांग खींचने” का था और इसमें कोई राजनीतिक संदेश नहीं था।
शिवकुमार ने कहा कि वह जन्मजात कांग्रेसी हैं और उनका बीजेपी या RSS से हाथ मिलाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने बताया कि एक राजनीतिक नेता के रूप में उन्होंने RSS और अन्य संगठनों का अध्ययन किया है, ताकि उनके विरोधियों और दोस्तों को बेहतर ढंग से समझ सकें। उन्होंने कहा, “मैं जानता हूं कि RSS कर्नाटक में कैसे अपने संस्थान बना रहा है, हर जिले में स्कूल खोल रहा है। लेकिन मेरा खून और जीवन कांग्रेस के लिए है।”
इस बीच, बीजेपी ने इस घटना का इस्तेमाल कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए किया। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के कई नेता अब RSS की तारीफ कर रहे हैं, जिससे पार्टी के भीतर मतभेद उजागर हो रहे हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस विधायक एचडी रंगनाथ ने शिवकुमार का समर्थन करते हुए कहा कि गीत का अर्थ मातृभूमि को नमन करना है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन हमें दूसरों की अच्छी बातों को स्वीकार करना चाहिए।”
यह विवाद कर्नाटक की सियासत में एक नया मोड़ लाया है, जहां पहले से ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच नेतृत्व को लेकर तनाव की खबरें चल रही हैं। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसे शिवकुमार की ओर से कांग्रेस आलाकमान को चेतावनी के रूप में देखा, जबकि अन्य ने इसे बीजेपी में जाने की अटकलों से जोड़ा। हालांकि, शिवकुमार ने इन सभी अटकलों को खारिज करते हुए अपनी निष्ठा कांग्रेस के प्रति दोहराई है।
यह घटना कर्नाटक की राजनीति में चर्चा का विषय बनी हुई है, और आने वाले दिनों में इसके और राजनीतिक निहितार्थ सामने आ सकते हैं।

