महिला ने अपनी पोस्ट में लिखा, “ट्रिगर वार्निंग: उत्पीड़न – आज, 6 नवंबर 2025 को, बेंगलुरु में मुझे ऐसी घटना का सामना करना पड़ा जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था। चर्च स्ट्रीट से पीजी लौटते हुए रैपिडो राइड बुक की। राइडर ने राइडिंग के दौरान मेरे पैर पकड़ने की कोशिश की। यह इतना अचानक हुआ कि मैं न तो समझ पाई और न ही रिकॉर्ड कर सकी।” उसने आगे बताया कि जब यह दोबारा हुआ, तो उसने राइडर से कहा, “भैया, क्या कर रहे हो, मत करो।” लेकिन राइडर ने नहीं सुना। नई शहर में होने के कारण वह रास्ता न जानने की वजह से राइड बीच में रोक नहीं सकी।
गंतव्य पर पहुंचने के बाद महिला की हालत देखकर एक राहगीर ने हस्तक्षेप किया। उसने राइडर से बहस की, जिसके बाद राइडर ने माफी मांगी लेकिन जाते-जाते धमकी भरी इशारा किया, जिससे महिला को और डर लगा। महिला ने पोस्ट में राइडर का नाम (लोकेश) और वाहन नंबर (KA55EA4344) भी शेयर किया। उसने कहा, “मैं यह साझा कर रही हूं क्योंकि किसी भी महिला को ऐसी स्थिति से गुजरना नहीं चाहिए – न टैक्सी में, न बाइक पर, न कहीं।” यह पहली बार नहीं जब उसे ऐसी घटना का सामना करना पड़ा।
वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने रैपिडो कंपनी और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए। कई यूजर्स ने #WomenSafety और #Bengaluru जैसे हैशटैग के साथ पोस्ट शेयर कीं, जिसमें कंपनी से सख्त कार्रवाई की मांग की गई। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक यूजर ने लिखा, “रैपिडो ड्राइवर ने महिला के पैर छुए, वह चिल्लाई लेकिन रुका नहीं। पुलिस और कंपनी को तुरंत एक्शन लेना चाहिए।” एक अन्य पोस्ट में कहा गया, “यह बेंगलुरु में महिलाओं के लिए कितना असुरक्षित हो गया है?”
बेंगलुरु सिटी पुलिस ने इंस्टाग्राम पर महिला की पोस्ट का जवाब देते हुए स्थान और संपर्क विवरण मांगे, ताकि औपचारिक जांच शुरू हो सके। पुलिस ने पुष्टि की कि शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आरोपी राइडर की तलाश की जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “घटना की गहन जांच चल रही है। हम महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहे हैं।”
रैपिडो कंपनी ने भी बयान जारी कर चिंता जताई। कंपनी ने कहा, “हमें इस घटना की जानकारी मिली है और हम इसे गंभीरता से ले रहे हैं। यात्री की सुरक्षा और आराम हमारी प्राथमिकता है। कृपया हमें जांच पूरी करने का समय दें। हम उचित कार्रवाई करेंगे।” कंपनी ने पीड़िता से संपर्क करने की अपील की।
यह घटना बेंगलुरु में रैपिडो जैसी बाइक टैक्सी सेवाओं पर सवाल खड़े कर रही है। हाल ही में भी रैपिडो से जुड़ी कुछ अन्य शिकायतें सामने आई हैं, जैसे फर्जी ऐप से किराया बढ़ाने या देरी पर उत्पीड़न। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी कंपनियों को ड्राइवरों की सख्त स्क्रीनिंग, रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और पैनिक बटन जैसी सुविधाएं अनिवार्य करनी चाहिए। पीड़िता की पहचान गोपनीय रखी गई है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के यौन उत्पीड़न मामलों के दिशानिर्देशों के अनुसार।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर यह मामला एक बड़ा संदेश देता है। उम्मीद है कि जल्द ही आरोपी को सजा मिलेगी और ऐसी घटनाएं रुकेंगी।

