Beijing News: चीन अपनी मुद्रा युआन के वैश्विक उपयोग को बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, देश पहली बार युआन-समर्थित स्टेबलकॉइन के उपयोग को अनुमति देने पर विचार कर रहा है, जो डिजिटल संपत्तियों (डिजिटल एसेट्स) के प्रति उसकी नीति में बड़े बदलाव का संकेत दे रहा है। यह कदम चीन के 2021 में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग और माइनिंग पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन का स्टेट काउंसिल (कैबिनेट) इस महीने के अंत में एक रोडमैप की समीक्षा करेगा और संभवतः इसे मंजूरी देगा, जिसमें युआन के वैश्विक उपयोग को बढ़ाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे। इस योजना में घरेलू नियामकों की जिम्मेदारियों को परिभाषित करने और जोखिम निवारण के लिए दिशानिर्देश शामिल होंगे। सूत्रों ने बताया कि इस महीने के अंत में चीन के वरिष्ठ नेतृत्व की एक अध्ययन सत्र भी आयोजित होने की उम्मीद है, जिसमें युआन के अंतरराष्ट्रीयकरण और स्टेबलकॉइन की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
क्यों है यह कदम महत्वपूर्ण?
चीन लंबे समय से अपनी मुद्रा युआन को डॉलर और यूरो की तरह वैश्विक मुद्रा का दर्जा दिलाने की कोशिश में है, जिससे वो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन पाएगा है। हालांकि, सख्त पूंजी नियंत्रण और एक ट्रिलियन डॉलर के वार्षिक व्यापार अधिशेष ने इस लक्ष्य को हासिल करने में बाधा डाली है। स्टेबलकॉइन, जो एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी है और जिसका मूल्य आमतौर पर किसी fiat मुद्रा जैसे अमेरिकी डॉलर से जुड़ा होता है, को वैश्विक व्यापार और भुगतान में युआन के उपयोग को बढ़ाने का एक संभावित उपकरण माना जा रहा है।
वर्तमान में, वैश्विक स्टेबलकॉइन बाजार में अमेरिकी डॉलर-समर्थित स्टेबलकॉइन का दबदबा है, जो बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के अनुसार 99% से अधिक हिस्सेदारी रखता है। दूसरी ओर, SWIFT के आंकड़ों के अनुसार, जून में युआन का वैश्विक भुगतान मुद्रा के रूप में हिस्सा 2.88% तक गिर गया, जो दो साल में सबसे निचला स्तर है। इस पृष्ठभूमि में, चीन का यह कदम अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती देने और डिजिटल वित्त में अपनी स्थिति मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
हांगकांग और शंघाई होंगे प्रमुख केंद्र
सूत्रों के मुताबिक, हांगकांग और शंघाई इस नई नीति को लागू करने में प्रमुख केंद्र होंगे। हांगकांग ने 1 अगस्त को fiat-समर्थित स्टेबलकॉइन जारीकर्ताओं को विनियमित करने वाला एक अध्यादेश लागू किया, जिसने इसे वैश्विक स्तर पर इस तरह का नियमन करने वाले पहले बाजारों में से एक बना दिया। इसके अलावा, शंघाई डिजिटल युआन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय परिचालन केंद्र स्थापित कर रहा है। इन दोनों शहरों को इस योजना के स्थानीय कार्यान्वयन को तेजी से लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है।
चीन की इस पहल को क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भी समर्थन मिल रहा है। 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में, चीन कुछ देशों के साथ सीमा-पार व्यापार और भुगतान के लिए युआन और संभवतः स्टेबलकॉइन के उपयोग को विस्तार देने पर चर्चा करने की योजना बना रहा है।
विश्लेषकों की राय
विश्लेषकों का मानना है कि युआन-समर्थित स्टेबलकॉइन का सफल कार्यान्वयन हांगकांग के पूंजी बाजारों में निवेश को सुगम बना सकता है और डिजिटल संपत्ति बाजार को नया आकार दे सकता है। मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों का कहना है कि हांगकांग डॉलर स्टेबलकॉइन डिजिटल युआन को वैश्विक डिजिटल संपत्तियों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिससे सीमा-पार निवेश प्रवाह में सुधार होगा।
हालांकि, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि सख्त पूंजी नियंत्रण और वैश्विक बाजारों में युआन के प्रति विश्वास की कमी इस पहल के सामने चुनौतियां पेश कर सकती है। इसके बावजूद, यह कदम डिजिटल वित्त में नवाचार और युआन के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
निष्कर्ष
चीन का युआन-समर्थित स्टेबलकॉइन को अपनाने का विचार वैश्विक वित्तीय परिदृश्य में एक नया अध्याय शुरू कर सकता है। यदि यह योजना मंजूर हो जाती है, तो यह न केवल चीन की डिजिटल संपत्ति नीति में बदलाव लाएगा। बल्कि वैश्विक व्यापार और भुगतान में युआन की हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत कदम भी होगा।

