ग्रेटर नोएडा और नोएडा की हवा में लगातार जहर घूलता जा रहा है। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। कई बीमारियां होने का खतरा बढता जा रहा है। ग्रेप लागू होने के बाद संडे और मंडे को पहली बार दोनों शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक रेड जोन में 300 के भी पार पहुंच गया। उत्तर प्रदेश प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने हवा थमने और पराली के धुएं की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ने का दावा किया है। प्रदूषण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक तीन दिनों तक वायु प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
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उन्होंने ग्रेनो का एक्यूआई 400 के पार पहुंचने की आशंका जताई है। बताया जा रहा है कि एक सप्ताह पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा बेहतर थी। ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई येलो और नोएडा का एक्यूआई ग्रीन जोन में था, लेकिन पिछले तीन दिन में दोनों शहर का वायु प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। ग्रैप लागू होने के बाद पहली बार दोनों शहर का एक्यूआई रेड जोन में पहुंचा है। दोपहर बाद हवा चलने पर मामूली राहत मिली। रविवार शाम पांच बजे सेक्टर-116 में एक्यूआई 361 रिकॉर्ड हुआ। वहीं सेक्टर-62 में भी एक्यूआई 300 रिकॉर्ड हुआ।
पिछले 6 दिनों में बढ़ा प्रदूषण
तिथि ग्रेनो नोएडा
17 अक्तूबर 108 80
18 अक्तूबर 156 129
19 अक्तूबर 166 136
20 अक्तूबर 238 214
21 अक्तूबर 289 249
22 अक्तूबर 354 304
ग्रेनो का एक्यूआई
ग्रेनो के नॉलेज पार्क तीन और ग्रेनो वेस्ट के नॉलेज पार्क 5 में वायु प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन है। अब तक ग्रेनो वेस्ट का एक्यूआई ग्रेटर नोएडा से अधिक रहता था, लेकिन रविवार को ग्रेनो का एक्यूआई अधिक रहा है। शाम चार बजे ग्रेनो का एक्यूआई 363 और ग्रेनो वेस्ट का एक्यूआई 344 रहा था।
ये हो सकती है बीमारियां
हवा में लगातार घुल रहा जहर कई प्रकार की बीमारियां फैला रहा है। सांस से जुड़े डाक्टरों के अनुसार जब हवा में प्रदूषण होता है तो लग्स की बीमारियां होना तय है। इसके अलावा जो लोग बीमार है वो ऐसे में ओर ज्यादा गंभीर हो सकते है। एक स्डीज ये भी सामने आयी है जिसमें कहा गया है कि प्रदूषण की वजह से लोगों की उम्र कम होती जा रही है।