घटना 27 दिसंबर को बरेली के राजेंद्र नगर इलाके स्थित एक कैफे में हुई। 22 वर्षीय नर्सिंग छात्रा ने अपने क्लासमेट्स के साथ बर्थडे पार्टी आयोजित की थी। पार्टी में कुल 12 लोग मौजूद थे, जिनमें दो मुस्लिम युवक शान और वकैब भी शामिल थे। छात्रा के अनुसार, करीब डेढ़ बजे के आसपास 20-25 लोगों का एक समूह कैफे में घुस आया और केक काटते समय हंगामा शुरू कर दिया।
हमलावरों ने कथित रूप से मुस्लिम युवकों पर हमला किया, नारे लगाए और पार्टी में मौजूद लोगों के साथ बदसलूकी की। छात्रा ने बताया कि हमलावरों ने उनकी धर्म के बारे में सवाल किए और उनके फोन छीनने की कोशिश की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें हमलावरों को नारे लगाते और मारपीट करते देखा जा सकता है।
छात्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “क्या अब मुझे अपने दोस्तों को धर्म के आधार पर चुनना पड़ेगा? मेरे माता-पिता को मेरे दोस्तों के बारे में पूरी जानकारी है और उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। मेरी परवरिश और पेशे में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं सिखाया जाता।” उन्होंने आगे कहा कि इस घटना से उनकी छवि खराब हो गई है और वे डिप्रेशन में हैं। फिलहाल वे हॉस्टल छोड़कर अपनी मौसी के घर पर रह रही हैं और बाहर निकलने से डर रही हैं।
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने दो मुस्लिम युवकों और कैफे मालिक शैलेंद्र गंगवार को शांति भंग करने के आरोप में हिरासत में लिया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई। जनता के दबाव और आक्रोश के बाद पुलिस ने कैफे मालिक की शिकायत पर ऋषभ ठाकुर, दीपक पाठक और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
ताजा जानकारी के अनुसार, 29 दिसंबर को पुलिस ने पांच आरोपियों – प्रिंस सिंह (19), आकाश (21), आशीष उर्फ पारस जोहरी (26), मृदुल उर्फ मनीष दुबे और दीपक (19) को गिरफ्तार किया। एक नाबालिग को भी हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने ऋषभ ठाकुर और दीपक पाठक के इशारे पर कैफे में तोड़फोड़ और हंगामा किया। हालांकि, मुख्य आरोपी ऋषभ ठाकुर और दीपक पाठक अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
बजरंग दल के बरेली कोऑर्डिनेटर आर्यन चौधरी ने संगठन का इन आरोपियों से कोई संबंध होने से इनकार किया है। पुलिस जांच जारी है और मुख्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
यह घटना सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रही और धर्म के नाम पर आतंक फैलाने की कड़ी आलोचना की जा रही है।

