आरोपियों की गिरफ्तारी शहर के आवास विकास कॉलोनी क्षेत्र से हुई। पुलिस ने उनके पास से 12 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक टैबलेट और बड़ी संख्या में फर्जी एग्रीमेंट, जॉइनिंग लेटर तथा अन्य जाली दस्तावेज बरामद किए हैं।
पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय के मुताबिक, यह गिरोह कॉल सेंटर की तर्ज पर काम करता था। आरोपी फोन नंबरों की लिस्ट से लोगों को कॉल करते और विभिन्न तरीकों से ठगी करते थे। वे खुद को पुलिस अधिकारी बताकर पोर्न वीडियो देखने का झूठा आरोप लगाते, ‘डिजिटल अरेस्ट’ की धमकी देते और रकम वसूलते थे। इसके अलावा ऑनलाइन बेटिंग गेम और फर्जी नौकरियों का लालच देकर बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कराते थे।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम दीपक तिवारी, अंकित कटारिया, मीनाक्षी वर्मा (महिला), विपिन वर्मा, अब्दुल रिजवान, मोहम्मद अफजल, आदर्श राज और इमरान सलीम हैं। ये आरोपी उत्तराखंड, अयोध्या, बागपत, लखनऊ समेत विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं।
एनसीआरबी पोर्टल पर इनके खिलाफ 25 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं। दिल्ली, गुजरात, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और ओडिशा समेत कई राज्यों के लोग इनके जाल में फंस चुके हैं। पुलिस ने थाना कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
यह कार्रवाई साइबर क्राइम पर लगाम कसने की दिशा में बाराबंकी पुलिस की महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऑनलाइन नौकरी या गेमिंग के लालच में आने से पहले सावधानी बरतें और संदिग्ध कॉल्स की शिकायत तुरंत करें।

